
झारखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास अपने समर्थकों के साथ विधानसभा भवन के मुख्य द्वार पर धरने पर बैठेंगे। वो भी 48 घंटे के अंदर । विधानसभाध्यक्ष रबीन्द्र महतो को चिट्ठी लिखकर उन्होने पहले ही सूचना दे दी है। रघुवर दास ने अपनी चिट्ठी में लिखा है कि वै स्वयं सर्व-धर्म समभा्व में विश्वास रखते हैं, इसलिए ये और भी जरुरी हो जाता है कि विधानसभा भवन के अंदर किसी भी जाति , धर्म, मजहब या पंथ के लिए किसी भी तरह का आरक्षण न हो । स्पीकर को विधानसभा की गरीमा की रक्षा के लिए इस आदेश को फौरन वापस लेना चाहिए ।
“विधानसभा भवन में धर्म नहीं संविधान चलता है”
रघुवर दास ने विधानसभाध्यक्ष रबीन्द्र महतो को लिखी चिट्ठी में कहा है कि विधानसभा कानून बनाने की जगह है। वहां पर संवैधानिक दायरे में रहकर स्वस्थ बहस हो, लोग बिना किसी भेदभाव, भय या द्वेष के अपनी बात रख सकें, आपका यही दायित्व है. लेकिन अगर आप नमाज के लिए अलग से व्यवस्था करेंगे, कल कोई किसी और धर्म के लिए जगह आरक्षित करेगा, इससे तो विधानसभा की पूरी मर्यादा ही समाप्त हो जाएगी। ये गलत परंपरा की शुरुआत है।
देश-विदेश की मीडिया में चर्चा
रघुवर दास ने लिखा है कि इस मुद्दे पर देश-विदेश की मीडिया में झारखण्ड की चर्चा हो रही है. इससे राज्य की बदनामी हो रही है। अगर आपने किसी के दबाव में ये गलत निर्णय ले भी लिया हो तो अब भी कुछ नहीं बिगड़ा। आप तुरंत इस आदेश को वापस लें। लेकिन अगर आपने किसी कारण से 48 घंटे के अंदर ये आदेश वापस नहीं लिया तो मैं स्वयं विधानसभा के मुख्य द्वार पर धरने पर बैठूंगा।
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