
झारखंड कांग्रेस के प्रभारी आरपीएन सिंह ने राज्य की नौकरशाही के रवैये पर निराशा जताया है। उन्होनें कहा कि मुझे ऐसी शिकायत मिली है कि झारखंड की नौकरशाही अपने आगे किसी को नहीं समझती। जब जनप्रतिनिधि उनके सामने जनता की समस्या लेकर जाते हैं तो वे अपमानजनक व्यवहार करते हैं। मैं वैसे अफसरों को बता देना चाहता हूं कि अपना रवैया बदलें। अगर आगे से किसी विधायक ने शिकायत की कि आप जनप्रतिनिधियों के साथ सम्मानपूर्वक व्यवहार नहीं करते तो मैं खुद वैसे अपसरों के दफ्तर में धमक जाउंगा। मुझे बिगड़ैल नौकरशाहों से डील करना आता है। आरपीएन सिंह कांग्रेस मुख्यालय में संवाददाताओं को संबोधित कर रहे थे।
सरकारी बाबू नहीं सुनते तो पूरा संगठन लेकर उनके दफ्तर पहुंच जाएं
राज्य के अधिकारियों को चेताया है कि अगर कांग्रेस के कार्यकर्ता किसी सामाजिक कार्य के लिए उनके कार्यालय में पहुंचते हैं तो उनकी पूरी तरह से सुनी जाए अन्यथा पूरी टीम पहुंचेगी। उन्होंने संगठन को भी निर्देश दिया कि अगर कार्यकर्ता की नहीं सुनी जा रही है तो पूरा संगठन उस दफ्तर में पहुंचे। उन्होंने कहा कि जरूरत होगी तो मैं भी पहुंचूंगा।
नियोजन नीति के कुछ मुद्दों को लेकर सीएम से बात करूंगा
आरपीएन सिंह ने एक बार फिर कहा कि नई नियोजन नीति को लेकर पार्टी को कुछ आपत्ति है । उन्होने कहा कि कुछ मुद्दों पर अभी मुख्यमंत्री से बात करनी है जिनमें नियोजन नीति प्रमुख है। पत्रकारों ने कुछ भाषाओं की अनदेखी किए जाने को लेकर सवाल उठाया तो आरपीएन सिंह ने अभी कुछ स्पष्ट किए बगैर कहा कि जो भी मुद्दे हैं वे समय पर सामने आएंगे।
20 सूत्री कमेटियों को लेकर उन्होंने कहा कि अभी इसकी कोई खास हड़बड़ी नहीं है। इसका फॉर्मूला बन गया है और शीघ्र ही औपचारिकता पूरी करते हुए सूची जारी हो जाएगी।