Thursday 21st of November 2024 07:43:11 PM
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मांझी की नाव डगमगा रही है तो उनका स्वागत है

मांझी की नाव क्या सचमुच डगमगा रही है?
मांझी की नाव क्या सचमुच डगमगा रही है?

पटना: जीतनराम मांझी पिछले कुछ दिनों से लगातार बीजेपी के खिलाफ बयानबाज़ी कर रहे हैं। इसी बीच लालू प्रसाद यादव के बेटे और हसनपुर से विधायक तेज प्रताप यादव उनसे मिलने जीतनराम मांझी के घर पहुंच गए। करीब 35 मिनट तक दोनों नेताओं की बंद कमरे में मुलाक़ात हुई। इसके बाद बाहर निकलने पर पत्रकारों ने तेज प्रताप से सवाल किया तो उन्होंने कहा-“अगर मांझी की नाव डगमगा रही है तो उनका स्वागत है “।

जातिगत जनगणना पर भी लालू-मांझी के बोल एक समान

आपको बता दें कि राजद लगातार जातिगत जनगणना के लिए मुहिम चला रहा है । लालू प्रसाद यादव भी लगातार ट्वीट कर रहे हैं कि देश में इस बार Caste census हो ही जाए । बीजेपी इसके खिलाफ है और नीतीश मौन । लेकिन जीतनराम मांझी जातिगत जनगणना चाहते हैं। इस मामले में राजद और मांझी एकदम सेम-टू-सेम बोल रहे हैं।

तो क्या एनडीए छोड़ महागठबंधन की ओर जाएंगे जीतनराम मांझी?

फिलहाल इसकी संभावना न के बराबर है । मांझी अगर एनडीए छोड़ते भी हैं तब भी नीतीश कुमार की सरकार पर कोई असर नहीं पड़ेगा । अब सत्ता की मलाई छोड़ कर कोई विपक्ष का सतुआ-प्याज कौन खाता है ? दूसरा, महागठबंधन में वैसे ही एक अनार-सौ बीमार हैं। तेजस्वी यादव या लालू के पास मांझी को ऑफर करने को क्या है?

….तो मुलाक़ात के मायने क्या हैं?

जीतनराम मांझी ने कह तो दिया है कि राजनीति में अपने द्वार बंद नहीं करने चाहिए। सब से प्रेमभाव से मिलते रहिए । पता नहीं भविष्य में किसके पक्ष में कब माहौल बन या बिगड़ जाये ? जीतनराम मांझी ने कहा कि लालू यादव जी के साथ “दिल का रिश्ता” है । तो क्या हम ये समझें कि नीतीश के साथ “दल का रिश्ता” और बीजेपी के साथ “माल का रिश्ता” है ?

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