जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाह (Upendra kushwaha) का कहना है कि स्वेच्छा से किए जाने वाले धर्म परिवर्तन को कोई भी नहीं रोक सकता । उनका कहना है कि अगर उनका मन इस्लाम कबूल करने का हो तो उन्हें कौन ही रोक सकता है ? उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि यह सभी का संवौधानिक अधिकार है ।
जेडीयू जातिगत जनगणना के पक्ष में
उपेंद्र कुशवाहा ने ये भी साफ किया कि अगर कोई अपनी मर्जी से धर्म बदलना चाहता है तो उसे कोई रोक भी नहीं सकता. ये बातें उन्होंने मीडिया से बक्सर में कहीं। वह दो दिनों के बक्सर दौरे पर पहुंचे थे। जातिगत जनगणना के सवाल पर उन्होंने कहा कि जातिगत जनगणना जेडीयू की पुरानी मांग रही है । सीएम नीतीश इसके पक्ष में हैं । पार्टी किसी भी कीमत पर इस मांग से पीछे नहीं हटेगी ।
जातिगण जनगणना के पक्ष में जेडीयू
राज्यों के हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट केंद्र सरकार से कह चुके हैं कि अगर वह पिछड़ों के लिए कोई योजना बनाते हैं तो ये बताना होगा कि इसकी संख्या कितनी है । उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि बिहार में अंतिम जातीय जनगणना 1931 में हुई थी । तब से अब तक जातीय जनगणना नहीं हुई । इसीलिए सरकार संख्या नहीं बता पाती है । कुशवाहा ने कहा कि जेडीयू और बीजेपी दो अलग पार्टियां हैं । दोनों के नीति और सिद्धांत भी अलग हैं । जेडीयू जातिगण जनगणना के पक्ष में है ।
कॉलेजियम सिस्टम संविधान पर कलंक
नीट एग्जाम में ओबीसी रिजर्वेशन के सवाल पर उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि केंद्रीय कोटे से भी रिजर्वेशन की व्यवस्था होनी चाहिए । इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि केंद्र के कोटे से नीट एग्जाम में ओबीसी को आरक्षण नहीं दिया जाता है । इसके साथ ही उन्होंने पीएम से नीट में रिजर्वेशन की मांग की है । इसके साथ ही उन्होंने कॉलेजियम व्यवस्था पर भी सवाल उठाया । कुशवाहा ने कॉलेजियम सिस्टम को संविधान पर कलंक बताया । उन्होंने इसे गैर संवैधानिक बताया । उन्होंने कहा कि जब तक देश में ये व्यवस्था रहेगी तब तक गरीबों को न्याय नहीं मिल सकता ।