रांची: झारखंड कैडर की चर्चित IAS अधिकारी पूजा सिंघल के लिए राहत भरी खबर आई है। लंबे समय तक निलंबन में रहने के बाद उन्हें निलंबन से मुक्त कर दिया गया है। इसके साथ ही उन्हें झारखंड सरकार के कार्मिक, प्रशासनिक सुधार और राजभाषा विभाग में योगदान देने के लिए अधिसूचना जारी की गई है।
पूजा सिंघल का मामला
- गिरफ्तारी और निलंबन का कारण:
- पूजा सिंघल को 11 मई 2022 को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनरेगा घोटाले और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था।
- गिरफ्तारी के अगले दिन, 12 मई 2022, को उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया था।
- छापेमारी और बरामदगी:
- 6 मई 2022 को ईडी ने पूजा सिंघल और उनके करीबियों के ठिकानों पर छापेमारी की थी।
- इस दौरान 19 करोड़ रुपये से अधिक नकदी बरामद हुई थी।
- घोटाले और मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों में उनका नाम प्रमुखता से आया।
- जमानत:
- जुलाई 2023 में अंतरिम जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट तक पहुंची।
- 7 दिसंबर 2024 को रांची की पीएमएलए कोर्ट ने उन्हें नियमित जमानत दी।
- निलंबन समाप्ति:
- जमानत के बाद, निलंबन समीक्षा समिति ने पूजा सिंघल को निलंबन मुक्त करने की अनुशंसा की।
- कार्मिक विभाग ने 7 दिसंबर 2024 से निलंबन समाप्त कर दिया।
- हालांकि, निलंबन अवधि के वेतन और अन्य भत्तों के निर्धारण पर अलग से निर्णय लिया जाएगा।
प्रमुख घटनाएं
- जेल और स्वास्थ्य:
गिरफ्तारी के बाद, खराब स्वास्थ्य के कारण पूजा सिंघल को रांची के रिम्स अस्पताल के पेइंग वार्ड में रखा गया।- उन्होंने बेटी के इलाज के लिए अंतरिम जमानत भी प्राप्त की थी।
- जांच और आरोप:
- ईडी ने पूजा सिंघल पर मनरेगा फंड के दुरुपयोग और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप लगाए।
- उनके चार्टर्ड अकाउंटेंट सुमन कुमार के घर से भी बड़ी रकम बरामद हुई थी।