मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन रथयात्रा के अवसर पर धुर्वा रांची स्थित जगन्नाथ मंदिर पहुंचे। मुख्य मंदिर का पट बंद रहने के कारण बाहर द्वार से ही शीश झुका कर भगवान से प्रार्थना की। मौके पर मंदिर के पुजारी ने गर्भगृह के बाहर ही विधि-विधान पूर्वक पूजा संपन्न कराई। सरकार के निर्देश के तहत मंदिर का पट आम लोगों के लिए बंद रखने का निर्णय लिया गया है । इसी कारण मुख्यमंत्री ने भी मंदिर के बाहर से ही पूजा-अर्चना की तथा राज्यवासियों की सुख-समृद्धि की भगवान जगन्नाथ से कामना की। मुख्यमंत्री ने सरकार द्वारा रथयात्रा की अनुमति नहीं देने के लिए भगवान जगन्नाथ से क्षमा भी मांगी।
मौके पर मंदिर परिसर में प्रेस-मीडिया को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी आज का दिन रथयात्रा का दिन है। परंपरा के अनुसार हम सभी लोग रथयात्रा को बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाते रहे हैं। आज के दिन भगवान जगन्नाथ जी के मंदिर परिसर में काफी चहल-पहल हुआ करता था, जिसके गवाह हम सभी लोग हैं। दुर्भाग्य है कि पिछले वर्ष तथा इस वर्ष भी वैश्विक महामारी कोरोना के प्रसार को नियंत्रित करने निमित्त रथयात्रा नहीं निकल पा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा राज्य एवं देश वैश्विक महामारी से गुजर रहा है इस महामारी में न जाने कितने लोगों ने अपनी जान गंवाई है। कोरोना महामारी से कई लोगों ने अपने परिजनों को खोया है। कई बच्चों से उनके माता-पिता का साया उठा है। आज भी कोरोना संक्रमण हमारे इर्द-गिर्द मंडरा रहा है। पुन: संक्रमण का ध्यान रखते हुए इस बार भी भारी मन से रथयात्रा नहीं निकाल पाने का निर्णय राज्य सरकार को लेना पड़ा है।
मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने भगवान जगन्नाथ के प्रति आस्था रखते हुए अपने-अपने घरों पर ही भगवान जगन्नाथ की पूजा-अर्चना तथा आराधना करने की अपील लोगों से की है। मौके पर मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी श्रीमती कल्पना सोरेन, मुख्यमंत्री के प्रेस सलाहकार अभिषेक प्रसाद सहित अन्य लोग उपस्थित थे।