नई दिल्ली: पूर्वोत्तर राज्यों में शांति और स्थिरता के कारण इस क्षेत्र में घरेलू और विदेशी पर्यटकों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है।
पर्यटन मंत्रालय ने स्थानीय समुदायों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकारों को विभिन्न पर्यटन परियोजनाओं की योजना बनाते समय उनके साथ परामर्श करने के लिए प्रोत्साहित किया है।
बुधवार को लोकसभा में जानकारी देते हुए पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास राज्य मंत्री सुकांत मजूमदार ने बताया कि 2023 में 1,20,78,776 घरेलू और 2,21,050 विदेशी पर्यटक पूर्वोत्तर राज्यों में आए।
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असम: 76,12,720 घरेलू पर्यटक
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मेघालय: 13,71,674 घरेलू पर्यटक
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सिक्किम: 13,21,169 घरेलू पर्यटक
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सिक्किम: 93,908 विदेशी पर्यटक
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त्रिपुरा: 66,708 विदेशी पर्यटक
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असम: 23,818 विदेशी पर्यटक
पर्यटन मंत्रालय के अनुसार, 2022 में 118.45 लाख घरेलू और 1.04 लाख विदेशी पर्यटक पूर्वोत्तर राज्यों में आए थे।
मजूमदार ने कहा कि पर्यटन मंत्रालय ‘स्वदेश दर्शन’, ‘PRASHAD’, ‘पर्यटन बुनियादी ढांचा विकास’ जैसी विभिन्न योजनाओं के तहत राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों को वित्तीय सहायता प्रदान करता है।
पर्यटन मंत्रालय स्थानीय मेले, त्योहार, प्रदर्शनियों, सोशल मीडिया और वेबसाइटों के माध्यम से पूर्वोत्तर के पर्यटन स्थलों को बढ़ावा देता है।
मजूमदार ने बताया कि गुवाहाटी और शिलांग के केंद्रीय होटल प्रबंधन संस्थानों (CIHMs) के माध्यम से पर्यटन और आतिथ्य उद्योग के लिए पेशेवर शिक्षा और प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
इसके अलावा, 2024-25 में 2806.82 करोड़ रुपये की लागत से 74 परियोजनाएं पूर्वोत्तर विकास मंत्रालय की विभिन्न योजनाओं के तहत स्वीकृत की गई हैं। इनमें से 969.82 करोड़ रुपये की लागत से 10 परियोजनाएं NESIDS-OTRI योजना के तहत स्वीकृत हुई हैं।
उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं को लागू करने की अवधि भौगोलिक स्थिति, भूमि की उपलब्धता, कानूनी मंजूरी और वित्तीय मामलों जैसे कारकों पर निर्भर करती है।