
डोमिनिका की जेल में सलाखों के पीछे खड़े मेहुल चौकसी की तस्वीरें देखकर जिनके मन में सहानुभूति उपजी हो, वो थोड़ा ठहर जाएं। 13 हजार करोड़ के घोटाले का शातिर अपराधी एक अंडर कवर ऑपरेशन के बाद डोमिनिका की जेल तक लाया गया है। और विदेशी धरती पर इस ऑपरेशन को अंजाम दिया है RAW के दो जाबांज जासूस सिक्रेट एजेंट A7CEE और A8CEE ने ।
मेहुल ने एंटीगुआ ही क्यों चुना ?
मेहुल चौकसी ने 2017 में ही भारत से भागने की प्लानिंग कर ली थी । PNB बैंक घोटाला दुनिया के सामने आने के साल भर पहले ही मेहुल चौकसी ने उन देशों की लिस्ट बनानी शुरु की, जहां की नागरिकता मिलने के बाद उसे भारत वापस लाना नामुमकिन हो जाय । इन देशों की लिस्ट में से उसने बारबेडोस और एंटीगुआ को सेलेक्ट किया।
एंटीगुआ के नेताओं को खरीद लिया
मेहुल चौकसी ने इकोनॉमिक एसेट के तहत 2017 में ही एंटीगुआ की नागरिकता के लिए अप्लाई किया। एंटीगुआ की सरकार वैसे बड़े-बड़े बिजनेसमैन को अपने देश की नागरिकता देती है जिससे उनके देश को फायदा मिल सके । 2017 में ही नागरिकता लेने के बाद मेहुल चौकसी ने उस देश के पक्ष विपक्ष के नेताओं को खरीदना शुरू कर दिया। कैरिबियाई मीडिया की माने तो डोमिनिका में विपक्षी दल के नेता लेनक्स लिंटन को 1.5 करोड़ रुपए की घूस दी गई । चोकसी के भाई ने विपक्षी सांसद को चुनाव में आर्थिक मदद का भी वादा किया । मेहुल चौकसी के भाई चेतन चोकसी ने टोकन मनी के तौर पर 2 लाख डॉलर यानी 1.5 करोड़ रुपए दिया । मेहुल की रिहाई होने पर लेनक्स लिंटन को और भी ज्यादा पैसे देने की डील हुई थी ।
PNB Scam सामने आने के चंद महीने पहले ही देश छोड़ चुका था चौकसी
मेहुल चौकसी ने 2017 में एंटीगुआ की नागरिकता लेने और वहां पॉलिटिकल सपोर्ट हासिल करने के बाद भारत छोड़ दिया। हालत ये थे कि एंटीगुआ की सरकार और वहां का पूरा विपक्ष ने भारत सरकार को किसी भी तरह के मदद से साफ इनकार कर दिया और यहां तक कि किसी नये भारतीय की उस देश में इंट्री भी मुश्किल हो गई।
भारत ने शुरू किया सीक्रेट ऑपरेशन
भारत की मोदी सरकार ने कूटनीतिक रास्ते बंद होने के बाद खुफिया एजेंसियों की मदद ली । ब्रिटिश, रशियन और भारतीय एजेंटों ने ये कंफर्म कर दिया कि मेहुल चौकसी एंटीगुवा में ही है । लेकिन उस तक पहुंचना नामुमकिन है।
करीब दो साल से बिछाया जा रहा था जाल
मेहुल चौकसी को पकड़ने के लिए तैयार की गई टीम सीधे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवाल को रिपोर्ट कर रही थी । इस प्लानिंग की जानकारी चंद लोगों को ही थी । सबसे बड़ी परेशानी यह थी कि भारतीय एजेंट एंटीगुआ में दाखिल तक नहीं हो पा रहे थे । इसके लिए ब्रिटिश एजेंट्स की मदद ली गई।
बाबरा को हनीट्रैप की तरह इस्तेमाल किया गया ?
कैरिबियाई मीडिया की माने तो बाबरा जाराबिका (Babara Zarabika) लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में पढ़ रही थी । उसे मॉडलिंग का भी शौक था और सबसे बड़ी बात वह एंटीगुआ की नागरिक थी । पढ़ाई के दौरान ही बाबरा को इनवेस्टमेंट बैंकर (investment Banker) की नौकरी देकर एंटीगुआ भेजा गया। लेकिन मुश्किल ये थी कि इस खूबसूरत investment Banker को मेहुल चौकसी तक कैसे पहुंचाया जाय । यहीं पर ब्रिटिश एजेंसियों का नेटवर्क काम आया।
करीब एक साल लग गए बाबरा को मेहुल के करीब आने में। लेकिन मेहुल को उस देश से बाहर लाना आसान न था । दूसरा चैलेंज ये था कि मेहुल चौकसी को ऐसे किस देश में लाया जाए, जहां से उसका प्रत्यर्पण आसान हो । इसके लिए भारतीय एजेंट्स ने बारबेडोस और डोमिनिका को चुना गया।
मेहुल के गिरफ्त में आने की पूरी कहानी
23 मई की रात चोकसी एक यॉच के जरिए एंटीगुआ और बारबेडोस की सीमा पर अपनी गर्लफ्रेंड के साथ समय बिताने गया । चौकसी के वकीलों का आरोप है कि देर रात एक रेस्ट्रां की ओर जा रहा था । उसकी गर्लफ्रेंड बाबरा उसी रेस्ट्रां में मेहुल का इंतजार कर रही थी । बीच रास्ते में ही दो भारतीयों ने मेहुल चौकसी का अपहरण कर लिया। आरोप है कि ये दो लोग भारतीय एजेंट्स A7CEE और A8CEE थे । जिन्हें इस खास ऑपरेशन के लिए कोड नेम दिया गया था। हाथापाई के दौरान मेहुल को चोट आई, उसकी आखें सूज गई। वो शोर मचाने की कोशिश कर रहा था । अगर उसकी आवाज़ निकलती तो बॉर्डर सेक्यूरिटी गार्ड्स अलर्ट हो जाते और पूरा ऑपरेशन वहीं खत्म हो जाता ।
कतर का वो विमान और मेहुल के डोमिनिका पहुंचने की कहानी
मेहुल चौकसी की पत्नी प्रीति चोकसी का आरोप है कि Jolly Harbor एरिया ( मेहुल के अपहरण वाली जगह से थोड़ी दूरी पर) में कतर एयरवेज का एक विमान इंतजार कर रहा था । संयोग से उस विमान का नंबर भी A7CEE था, जो एक भारतीय एजेट का सीक्रेट कोड है । रात को ढाई बजे उस विमान ने उड़ान भरी और सुबह पांच बजे वो डोमिनिका की एयरपोर्ट पर देखा गया। सुबह सात बजे डोमिनिका की मीडिया को खबर मिली की मेहुल चौकसी को डोमिनिका की पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। 24 मई की दोपहर तक उसकी सलाखें वाली तस्वीर बाहर आ चुकी थी । कथित अपहरण वाली रात से ही बाबरा गायब है । वह कहां है, किसी को नहीं पता।
अब भी आसान नहीं है राह
मेहुल चोकसी ने ब्रिटेन से वकील मंगवाने के लिए चार्टर्ड प्लेन पर करीब 70 लाख रुपये खर्च किए हैं । मेहुल चोकसी के गीतांजलि ज्वैलर्स के 4000 स्टोर्स अब बंद हो चुके हैं । ऐसे में उसके और उसके परिवार के पास आय का कोई वास्तविक जरिया नहीं है । हालांकि, ये बात स्पष्ट है कि वे अपनी शानदार लाइफस्टाइल का खर्च कैसे उठा रहे हैं, जिसकी कीमत सैकड़ों हजार डॉलर है ?