नई दिल्ली: पहलगाम आतंकी हमले के दो दिन बाद, केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन ने गुरुवार को उच्चस्तरीय सुरक्षा समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में खुफिया ब्यूरो (IB) के निदेशक तपन डेका और रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (R&AW) के प्रमुख रवि सिन्हा भी शामिल हुए।
बैठक का आयोजन नॉर्थ ब्लॉक में किया गया और इसका महत्व ऐसे समय में बढ़ जाता है जब जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद देश की आंतरिक सुरक्षा पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। इस हमले में 26 से अधिक पर्यटकों, जिनमें एक नेपाली नागरिक भी शामिल था, की जान चली गई थी।
एक अधिकारी ने बताया कि, “बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा और आंतरिक मामलों से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई।”
यह बैठक उस दिन के एक दिन बाद हुई जब कैबिनेट सुरक्षा समिति (CCS) ने पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद के खिलाफ पांच कठोर कूटनीतिक कदमों की घोषणा की थी। इन कदमों में 1960 की सिंधु जल संधि को निलंबित करना, भारत-पाकिस्तान के बीच अटारी सीमा चौकी को बंद करना और द्विपक्षीय संबंधों में गिरावट लाना शामिल है।
सरकारी सूत्रों के मुताबिक, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) इस मामले की गंभीरता को देखते हुए हमले की जांच अपने हाथ में ले सकती है। फिलहाल, एनआईए पहले से ही जम्मू-कश्मीर पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियों की मदद कर रही है।
एनआईए की टीम हमले की जगह का व्यापक निरीक्षण करेगी, फॉरेंसिक सबूत एकत्र करेगी, और हमले के दोषियों की पहचान में मदद करेगी। माना जा रहा है कि यह जांच पाकिस्तान स्थित आतंकी समूहों के लिंक और स्थानीय नेटवर्क की गहराई से जांच कर सकती है।