श्रीनगर:
जम्मू और कश्मीर के बडगाम जिले की एक अदालत ने हिजबुल मुजाहिदीन के सरगना मोहम्मद यूसुफ शाह उर्फ सैयद सलाहुद्दीन के खिलाफ घोषणा नोटिस (Proclamation Notice) जारी किया है। यह नोटिस 2002 के एक हत्या और हथियार मामले में अदालत में पेश न होने को लेकर सीआरपीसी की धारा 82 के तहत 10 अप्रैल 2025 को जारी किया गया।
अदालत ने सलाहुद्दीन को आदेश दिया है कि एक महीने के भीतर अदालत में पेश हों, अन्यथा उन्हें घोषित अपराधी (Proclaimed Offender) घोषित करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
यह मामला एफआईआर संख्या 255/2002 से जुड़ा है, जो बडगाम पुलिस स्टेशन में हत्या (धारा 302), हत्या का प्रयास (307), उकसाना (109) और शस्त्र अधिनियम की धारा 7/25 के तहत दर्ज किया गया था। पुलिस के अनुसार, सलाहुद्दीन 2002 से फरार हैं और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में छिपे हुए हैं।
बडगाम के प्रधान सत्र न्यायाधीश ओ. पी. भगत ने अपने आदेश में कहा, “पुलिस की रिपोर्ट और एसएचओ व प्रक्रिया सर्वर के बयानों से स्पष्ट है कि आरोपी जानबूझकर अदालत की प्रक्रिया से बच रहा है और उसे गिरफ्तार करना असंभव है।”
कोर्ट के आदेश के अनुसार, यह घोषणा नोटिस सलाहुद्दीन के स्थायी निवास सोइबुग, बडगाम में सार्वजनिक रूप से पढ़ा गया, उनके घर या गांव के किसी प्रमुख स्थान पर चिपकाया गया, और क्षेत्रीय समाचार पत्रों में प्रकाशित किया गया।
सलाहुद्दीन 1987 में मुस्लिम यूनाइटेड फ्रंट (MUF) की टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़े थे, जो व्यापक रूप से धांधली वाले चुनाव माने जाते हैं। इसके बाद वे पीओके चले गए और हिजबुल मुजाहिदीन के प्रमुख बन गए।
अमेरिका ने 2017 में उन्हें वैश्विक आतंकवादी घोषित किया था। उन पर जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी हमलों की साजिश रचने और विदेशी जमीन से आतंकी गतिविधियों को संचालित करने का आरोप है।