प्रशासन की सुरक्षा में चूक, उठ रहें हैं कई सवाल
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जिले की सीमाएं की गई सील, सर्च अभियान जारी
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हजारीबाग। शहर से सटे जुलजुल पहाड़ी की तलहटी में बसे बहोरनपूर पुरातात्विक स्थल से बुद्ध की दो बेशकीमती प्रतिमाएं शनिवार की रात चोरी हो गई। घटना का पता रविवार को तब चला जब पुरातात्विक विभाग की टीम खुदाई स्थल पर पहुंची। बुद्ध की दोनों प्रतिमाएं पालकालीन बताई जा रही है। आनन-फानन में इसकी सूचना पुलिस सहित पुरातात्विक संरक्षण समिति को दी गई। चोरी की सूचना मिलने के बाद प्रशासनिक महकमें में हड़कंप मच गया है। लोगों की मानें तो चोरी की यह घटना तश्करी से जुड़ा प्रतीत हो रहा है। ऐसे में अंतरराष्ट्रीय बाजार में इनकी कीमत करोड़ों में हो सकती है। मौके पर एसडीपीओ, बीडीओ, थाना प्रभारी सहित प्रशासन से जुड़े कई अधिकारी घटना स्थल पहुंचकर जायजा लेने में जुट गए हैं।
प्रशासन की सुरक्षा में चूक:
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प्रतिमाओं की चोरी की घटना शनिवार रात में हुई। ऐसा माना जा रहा है कि खुदाई स्थल पर पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था नहीं होने के कारण प्रतिमा चोरी की घटना को अंजाम दिया गया। बताया जा रहा है कि रात में यहां सुरक्षाकर्मी जंगली जानवरों के भय से नहीं रूकतें हैं। इसी का लाभ चोरों ने उठाया। वहीं इतने महत्वपूर्ण स्थल की सुरक्षा की कोई पुख्ता व्यवस्था न किए जाने से प्रशासन पर सवाल उठना लाजिमी है।स्थानीय मुखिया महेश तिग्गा ने बताया कि भगवान बुद्ध की दोनों प्रतिमाएं मुख्य प्रतिमाओं के बगल में रखी गई थी। दोनों प्रतिमा करीब डेढ़-डेढ़ फीट ऊंची और एक फीट व्यास की थी।
प्रशासन आई हरकत में, जिले की सीमाएं की गईं सील
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प्रतिमाओं की चोरी के बाद प्रशासन हरकत में आई। आस-पास के गांवों सहित पूरे जिले में सर्च अभियान चलाया जा रहा है। मामले पर बात करते हुए सदर एसडीपीओ महेश प्रजापति ने बताया कि अभी यह कहना मुश्किल है कि घटना को चोरों ने या तश्करों ने अंजाम दिया है। पुलिस सभी संभावनाओं व पहलुओं को ध्यान में रखते हुए कार्य कर रही है। कहा कि जिले की सीमाओं को चारों ओर से सील कर दिया गया है। फोरेंसिक टीम स्थल के भौतिक निरीक्षण में जुटी है। डॉग स्क्वाड की सहायता ली जा रही है। साथ ही शहर के होटलों को भी खंगाला जा रहा है। बीते दिनों इन होटलों में कौन-कौन बाहरी लोग ठहरें हैं। इसकी जांच की जा रही है।
संरक्षण समिति ने की थी सुरक्षा की मांग:
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बतातें चलें कि एक माह पूर्व संरक्षण समिति ने एसपी को ज्ञापन सौंपकर पुरातात्विक स्थल की सुरक्षा की मांग की थी। इसके बाद यहां दिन में सुरक्षाकर्मी की तैनाती की गई थी। लेकिन रात के लिए सुरक्षा की कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं थी। जिसका फायदा चोरों अथवा तश्करों ने उठाया।
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मूर्ति चोरी की घटना पर बोले मनीष जायसवाल: राजनीतिक इच्छाशक्ति के अभाव से नहीं मिला मूर्तियों को संरक्षण
प्रशासन जल्द मामले का करे उद्भेदन:
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मनीष जायसवाल ने कहा कि शासन और प्रशासन अविलंब कार्यवाई करते हुए मूर्तियों को खोजे। साथ ही प्रशासन जल्द मामले की जांच कर इसका उद्भेदन करे।