
नई दिल्ली। चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर को कांग्रेस में शामिल करना है या नहीं, इसे लेकर सोनिया गांधी के आवास पर उच्चस्तरीय बैठक चल रही है। इस बैठक में सोनिया-राहुल-प्रियंका के अलावा अंबिका सोनी, दिग्विजय सिंह, मल्लिकार्जुन खड़गे, अजय माकन और केसी वेणुगोपाल शामिल हैं। इससे पहले पार्टी ने प्रशांत किशोर को शामिल कराने का अंतिम फैसला सोनिया गांधी पर छोड़ा था।
गुजरात चुनाव को देखते हुए फैसला
दरअसल सोनिया गांधी चाहती हैं कि प्रशांत किशोर को लेकर जो भी फैसला लेना हो, उसे गुजरात विधानसभा चुनावों की घोषणा से पहले लेना चाहिए। इतना पहले जससे कि प्रशांत किशोर को वहां काम करने और रणनीति तैयार करने का समय मिल सके। इसी वजह से ये इमरजेंसी मीटिंग बुलाई गई है। इससे पहले मार्च के दूसरे और तीसरे हफ्ते में प्रशांत किशोर इसी मुद्दे पर राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से मिल चुके हैं।
गुजरात चुनाव के लिए कांग्रेस का दांव
दरअसल प्रशांत किशोर इससे पहले भी गुजरात में भाजपा के लिए काम कर चुके हैं। वे वहां की राजनीति और सियासी समीकरणों को भली-भांति समझते हैं। प्रशांत किशोर की सलाह है कि कांग्रेस गुजरात में बड़े उद्योगपति और लेउआ पटेल के बड़े नेता नरेश पटेल को मुख्यमंत्री का उम्मीदवार घोषित करे। प्रशांत किशोर का मानना है कि लेउआ पटेल बिरादरी मौजूदा सरकार से नाराज है। नरेश पटेल को नेतृत्व सौंपकर इन्हे कांग्रेस से जोड़ा जा सकता है। अगर लेउआ पटेल, आदिवासी और मुसलमान एकसाथ जुड़ जाएं तो भाजपा को हराने के लिए जरुरी समीकरण तैयार होता है। इसके अलावा नरेश पटेल की कारोबारियों में अच्छी पैठ है।