आदिवासी समाज को हिंदू धर्म से अलग बताने पर झारखण्ड में मचा बवाल शांत होने का नाम नहीं ले रहा । शुक्रवार को बाबूलाल मरांडी ने कहा कि मुुझे हेमंत सोरेन की पढ़ाई और उनकी बुद्धि पर तरस आता है। हेमंत सोरेन मिशनरियों की लिखी स्क्रिप्ट पढ़ रहे हैं। बाबूलाल ने कहा कि हेमंत पहले पढ़ें, तब बोलें। बिना पढ़ें खुद को मानवशास्त्र का ज्ञाता न समझें हेमंत।
हेमंत को शायद पता नहीं कि झारखण्ड के बाहर भी दुनिया है
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि हेमंत सोरेन को शााय पता नहीं कि इस देश में आदिवासियों की 700 जातियां हैं, जिनमें से सिर्फ 32 जातियां झारखण्ड में निवास करती हैं। हेमंत को तो ये भी पता नहीं होगा कि जम्मू-कश्मीर में कुछ मुसलमान जातियां भी Schedule Tribes (ST) में आती हैं। अगर ST को अलग धर्म का दर्जा मिलने लगे तो क्या उन मुसलमानों को भी आप सरना में लाएंगे ।
खुद को मानव शस्त्र का ज्ञाता समझते हैं हेमंत सोरेन
बाबूलाल ने कहा कि अब कोई जबर्दस्ती करे तो इसका क्या इलाज है। मुख्यमंत्री को पूरे देश का अध्ययन करना चाहिए। नहीं तो सरकार की एक टीम गठित कर देनी चाहिए। बाबूलाल ने कहा कि झारखंड में देखें तो एक बड़ी आबादी मुंडा, उरांव और संताल हैं। उनमें से बहुत से इसाई बन गए हैं, तो उसके बारे में क्या कहेंगे हेमंत सोरेन। वे Christian हैं या आदिवासी धर्म के? हेमंत सोरेन तो मानव शास्त्र के ज्ञाता हैं, पास तो जवाब जरुर होगा ?