मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा झारखंड के मगही और भोजपुरी भाषियों के बारे में की गई अपमानजनक टिप्पणी के बाद कई सामाजिक संगठनों एवं राजनीतिक दलों ने उनकी आलोचना की है।
राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि हेमंत सोरेन को कुछ काम नहीं करना है, इसलिए सिर्फ भावनात्मक मुद्दे उठाकर समाज में तनाव पैदा करना चाहते हैं। रघुवर दास ने कहा कि पांच लाख रोजगार के मुद्दे पर सत्ता में आई हेमंत सरकार अब बस कभी नमाज़ रूम तो कभी भोजपुरी-मगही कर रही है।
झारखंड की महान जनता ने बचकाना नेतृत्व चुन लिया
रघुवर दास ने कहा कि मुख्यमंत्री की नयी नीति “बांटो और राज करो” की है । उन्होंने कहा कि महान झारखंड में आज बचकाना नेतृत्व कार्यरत है। भोजपुरी-मगही भाषी लोगों के प्रति मुख्यमंत्री जी का यह बयान दुखद है। उनके गंठबंधन को वोट देने वाले लोगों को आज दुख जरूर हो रहा होगा।
भोजपुरी-मगही बाहरी लगता है, लेकिन उर्दू अपनी
हेमंत जी को भोजपुरी और मगही बाहरी भाषा लगती है, लेकिन उर्दू अपनी लगती है। हेमंत सरकार ने पहले हिंदी-संस्कृत और अब भोजपुरी-मगही का अपमान किया है। मुख्यमंत्री जी कह रहे हैं कि भोजपुरी-मगही से झारखंड का बिहारीकरण हो रहा। तो क्या उर्दू से झारखंड के इस्लामीकरण की तैयारी है ?
रोजगार से ध्यान भटकाने की कोशिश
पांच लाख नौकरी देने का वादा करके सत्ता में आयी हेमंत सरकार ध्यान भटकाने की कला में पारंगत है। इसलिए मुद्दों से ध्यान भटकाने का खेल खेल रहे हैं। संविधान की शपथ लेकर मुख्यमंत्री बने हेमंत सोरेन जी को यह समझने की जरूरत है कि वे झारखंड के साढ़े तीन करोड़ लोगों के मुख्यमंत्री हैं। लेकिन वे उसी संविधान की तिलांजलि देने पर तुले हैं।