
आज जब वित्त मंत्री डॉ. रामेश्वर उरावं Budget पेश करने उतरेंगे तो उनके पिटारे से आदिवासी छात्र-छात्राओं के लिए स्कॉलरशिप, ITI में आदिवासी छात्रों को आरक्षण , हर गांव में पेयजल, धोती- साड़ी- लुंगी योजना, पिछड़े जिलों में कौशल विकास के तहत स्किल डेवलपमेंट सेंटर की स्थापना आदि की बातें होंगी । सरकार का सारा जोर आदिवासी और महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण और युवाओं को रोजगार देने पर होगा ।
आदिवासी और स्थानीय पर फोकस
Budget से पहले जो इशारा मिल रहा है उससे अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं कि हेमंत सरकार का पूरा जोर स्थानीय और आदिवासी हैं । Private Sector में स्थानीय लोगों को आरक्षण की बात भी उठी थी लेकिन इसपर फिलहाल आम सहमति न होने के कारण ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है ।
अनुसूचित जाति के युवाओं के रोजगार के लिए 40 फीसदी अनुदान
Budget में अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति के युवाओं को रोजगार के लिए 40 फीसद अनुदान पर ऋण देने के लिए राशि के प्रविधान किए जा रहे हैं। इसके तहत राज्य के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में स्वरोजगार एवं उद्यमिता विकास को बढ़ावा देने हेतु अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक पिछड़ा वर्ग एवं दिव्यांग वर्ग के युवाओं को 40 फीसद अनुदान पर ऋण दिया जाएगा। पहले यह 25 फीसदी था ।
आदिवासी इलाकों में कौशल विद्या अकादमी की स्थापना
झारखंड आदिवासी सशक्तिकरण एवं आजीविका परियोजना के अंतर्गत अनुसूचित क्षेत्र के 1,790 गांवों के लगभग दो लाख परिवारों का आर्थिक सशक्तिकरण किया जाएगा। आदिवासियों के कौशल विकास के लिए कौशल विद्या अकादमी की स्थापना की जाएगी।

