पाकुड़: जिले के अमड़ापाड़ा के डीबीएल पचुवाड़ा सेंट्रल कोल माइंस प्राइवेट लिमिटेड द्वारा रविवार को आलूबेड़ा स्थित कैंप कार्यालय में सीएसआर योजना के तहत एक दिवसीय निशुल्क चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया। इस एक दिवसीय निशुल्क चिकित्सा शिविर का उद्घाटन प्रभारी बीडीओ सह सीओ श्रीमान मरांडी, डीबीएल के एभीपी ब्रजेश कुमार, जीएम राधा रमण राय, ग्रामीण प्रधान मुर्मू के द्वारा किया गया. जिसमें सेंट्रल कोल माइंस से विस्थापित सह प्रभावित गांव न्यू कठालडीह, आमझारी, सिंगदेहरी, तालझारी एवं आलूबेड़ा सहित कोल परियोजना उत्खनन क्षेत्र के आसपास स्थित गांव के ग्रामीणों का इलाज किया गया। बीडीओ श्रीमान मरांडी ने कहा कि कहां की डीबीएल कोल कंपनी किया पहला कार्यक्रम है। इस धरती के नीचे क्या है यह किसी को नहीं पता जब सर्वे हुआ तब पता चला कि यहां जब कोयले का भंडार है। कोयला लोहा अबरक राष्ट्रीय संपत्ति है। इसी के तहत राष्ट्र का विकास होता है उसमें राष्ट्र का विकास और विनाश हो सकता है जब कहीं विकास होता है तो कहीं ना कहीं थोड़ा सा विनाश भी होता है इस विनाश को रोकने के लिए एक कंपनी के द्वारा सीएसआर के तहत यहां के इस कोल क्षेत्र के जितने भी जो लोगों का जमीन गया है उन लोगों को मुआवजा की राशि दी गई होगी। इस चिकित्सा शिविर में आंख, कान, नाक, दांत सहित महिला विशेषज्ञ डॉक्टरों द्वारा मरीजों का गहन चिकित्सा जांच कर दवा वितरण किया गया। मौके पर डीबीएल के एच आर प्रिंस कुमार, निपेन्द्र कुमार, संजय दास सहित डीबीएल के कर्मी मौजूद थे।
डीबीएल पचुवाड़ा सेंट्रल कोल माइंस के द्वारा स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया
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