इस्लामाबाद: इस साल दुनियाभर से लाखों मुसलमान हज के लिए सऊदी अरब के मक्का शहर पहुंचे हैं। हज इस्लाम के पांच स्तंभों में से एक है और जीवन में एक बार करना अनिवार्य माना जाता है, बशर्ते व्यक्ति में शारीरिक और आर्थिक क्षमता हो।
गर्मी का कहर:
पिछले साल की तरह इस बार भी गर्मी एक बड़ी चुनौती है। 2024 में तापमान 47°C तक पहुंचा था और 1,300 से अधिक लोगों की जान गई थी। इस बार भी मक्का में तापमान 41°C के पार है। सऊदी अधिकारियों ने सलाह दी है कि तीर्थयात्री दिन के समय बाहर न निकलें और सिर को ढककर रखें (जब तक कि धार्मिक अनुष्ठान न हों)।
सरकार ने एक सुरक्षा किट भी जारी की है जिसमें हल्के रंग के कपड़े, छाता, और डिहाइड्रेशन के लक्षणों की पहचान व उपचार की जानकारी शामिल है।
12 साल से कम उम्र के बच्चों पर रोक:
इस साल से 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को हज में शामिल होने की अनुमति नहीं है। यह निर्णय बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है क्योंकि हज के दौरान भारी भीड़ और गर्मी में उनकी सुरक्षा सुनिश्चित कर पाना मुश्किल है।
लाहौर के निवासी तल्हा अय्यूब ने कहा कि उन्होंने अपने बच्चों को दादा-दादी के पास छोड़ दिया ताकि वे और उनकी पत्नी हज को “थोड़ा सुकून से” पूरा कर सकें।
भुगतान में लचीलापन:
हज की लागत $4,000 से $20,000 तक हो सकती है। पाकिस्तान और सऊदी अरब ने किश्तों में भुगतान प्रणाली शुरू की है ताकि आर्थिक बोझ कम हो सके।
पाकिस्तानी किसान जहीर अहमद ने कहा कि उन्होंने दिसंबर में एडवांस देकर आवेदन किया और फरवरी तक बाकी राशि तीन किस्तों में चुकाई।
अनधिकृत प्रवेश और वेटिंग लिस्ट:
इंडोनेशिया जैसे देशों में हज के लिए 5.4 मिलियन लोग इंतज़ार कर रहे हैं। भारत जैसे देश पहले से हज कर चुके लोगों को फिर से आवेदन की अनुमति नहीं देते (कुछ अपवाद छोड़कर)।
इस बार सऊदी अरब ने 14 देशों (भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, मिस्र, आदि) के लिए शॉर्ट टर्म वीज़ा अस्थायी रूप से निलंबित कर दिए हैं, ताकि अवैध तरीकों से मक्का पहुंचने वालों को रोका जा सके।
ग़ैर-पंजीकृत तीर्थयात्रियों को न तो वातानुकूलित सुविधाएं मिलती हैं, न ही उनकी ट्रैकिंग संभव होती है। इसी वजह से पिछले साल अधिकतर मौतें इन्हीं लोगों की हुई थीं।
सऊदी गृह मंत्रालय ने चेतावनी दी है कि गलत वीज़ा पर मक्का पहुंचने की कोशिश करने वालों पर 20,000 रियाल (लगभग ₹4.4 लाख) तक का जुर्माना लगेगा।