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बिल्डर द्वारा कई बार प्रताड़ित किया गया और कोर्ट केस का हिस्सा रहे फ्लैट मालिकों को कब्जा न देकर रजिस्ट्री नहीं कराकर लोगों की एकता तोड़ने की कोशिश की गई। राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग के आदेश से आवंटियों को राहत मिली है।
गुरुग्राम, जागरण संवाददाता। राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (एनसीडीआरसी) की तरफ से रामप्रस्था बिल्डर को करारा झटका लगा है। आयोग ने सेक्टर-37डी में रामप्रस्था बिल्डर द्वारा विकसित की गई रामप्रस्था सिटी में करीब 200 से अधिक आवंटियों की याचिका पर फैसला सुनाते हुए कुल 36 करोड़ रुपये डिले मुआवजा देने के आदेश जारी किए हैं।
स्थानीय आवंटियों के सात साल की लंबी कानूनी लड़ाई के बाद यह ऐतिहासिक फैसला आया है। इस निर्णय से आवंटी बेहद खुश हैं और मानते हैं कि आज भी बिल्डरों की मनमानी पर रोक लगाने के लिए हमारी न्यायिक व्यवस्था मजबूत है।
बताते चलें कि रामप्रस्था सिटी को बिल्डर प्रबंधन ने 2009 में लांच किया था और 2012 तक फ्लैटों का कब्जा देना था लेकिन बिल्डर प्रबंधन की तरफ से 2018 में फ्लैट देने शुरू किए। इसी बीच 2015 में रामप्रस्था सिटी वेलफेयर एसोसिएशन ने 200 आवंटियों को साथ ले एनसीडीआरसी में याचिका दायर कर कानूनी लड़ाई की शुरुआत की। हालांकि बिल्डर प्रबंधन की तरफ से आवंटियों को परेशान करने में कोई कमी नहीं छोड़ी गई।
यहां पर करीब 2500 से अधिक आवंटी है। जब 2018 में बिल्डर प्रबंधन ने फ्लैट देने शुरू किए तो इन आवंटियों पर भी याचिका वापस लेने का दबाव बनाया गया और जबरन सैकड़ों आवंटियों से इंडेमनिटी बोंड पर भी हस्ताक्षर करवाए गए और जिन्होंने इस पर हस्ताक्षर नहीं किए, उन्हें फ्लैटों को कब्जा नहीं दिया गया।
एनसीडीआरसी के न्यायाधीश रामसूरत राम मौर्य ने बिल्डर प्रबंधन को कड़े आदेश जारी करते हुए एक माह के भीतर सभी फ्लैट धारकों को पांच साल देरी से फ्लैट देने पर छह प्रतिशत के हिसाब से मुआवजा और एक माह के भीतर सभी आवंटियों को रजिस्ट्री कराने के आदेश दिए हैं।
बिल्डर प्रबंधन द्वारा अन्य आवंटियों से भी भरवाए गए इंडेमनिटी बोंड को भी कोर्ट ने गैरकानूनी माना और उन्हें भी देरी से फ्लैट देने का मुआवजा देने के निर्देश दिए हैं।
वहीं, प्रदीप राही (प्रधान, रामप्रस्था सिटी वेलफेयर एसोसिएशन) का कहना है कि न्यायपालिका में मेरा दृढ़ विश्वास था और हमने न्याय पाने के लिए 7 साल तक लगातार संघर्ष किया। लगभग 200 लोगों ने 7 साल तक मेरे नेतृत्व और जुड़ाव पर भरोसा किया और यह हम सभी के लिए बड़ी जीत है।
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