रांची : घर बैठे अब जमीन व अन्य निबंधित दस्तावेजों की सर्चिंग के लिए शुल्क अदा करना पड़ सकता है. पहले यह व्यवस्था पूरी तरह नि:शुल्क थी ।
जानकारी के अनुसार राजस्व निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग ने दस्तावेजों के सर्चिंग के लिए शुल्क लेने का प्रस्ताव तैयार किया है. इसकी सहमति मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दे दी है. कैबिनेट की अगली बैठक में इस प्रस्ताव पर मुहर लगने की उम्मीद है.
इसके बाद शुल्क अदा करके ही ऑनलाइन दस्तावेजों की सर्चिंग की जा सकेगी. बताते चलें कि सर्चिंग व्यवस्था के तहत पुराने रिकॉर्ड भी ऑनलाइन देखे जा सकते थे. मगर यह व्यवस्था फिलहाल बंद है. सहायक निबंधन महानिरीक्षक ने एनजीडीआरएस के सर्च माड्यूल द्वारा निबंधन दस्तावेज के ऑनलाइन सर्च एवं सच्ची प्रतिलिपि ऑनलाइन उपलब्ध कराए जाने के अगले आदेश तक स्थगित कर दिया गया है.
सरकार का बढ़ेगा राजस्व
ऑफलाइन सर्च की तरह ऑनलाइन सर्च के लिए राशि ली जाती तो सरकार का राजस्व इससे बढ़ेगा. जानकारी के अनुसार प्रस्ताव में कहा गया है कि अगर ऑनलाइन सर्च मॉड्यूल द्वारा दस्तावेजों की ऑनलाइन खोज, निरीक्षण, सच्ची प्रतिलिपि के लिए शुल्क लिया जाए तो प्रत्येक वर्ष करीब तीन करोड का राजस्व सरकार को मिलेगा.
मालूम हो कि निबंधन कार्यालय में अवैध रूप से जमीन खरीद-बिक्री के मामले उजागर होने के बाद तत्कालीन रघुवर दास सरकार ने वर्ष 2016 को ऑनलाइन मॉड्यूल के माध्यम से दस्तावेजों की खोज और निबंधित दस्तावेज के निरीक्षण को नि:शुल्क कर दिया था.