नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए भीषण आतंकी हमले के बाद कांग्रेस ने केंद्र सरकार की प्रतिक्रिया का समर्थन किया है। इस हमले में 28 निर्दोष पर्यटकों की जान गई थी। सरकार ने इस हमले के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया और सर्वदलीय बैठक में विपक्ष के नेताओं को भविष्य की रणनीति के बारे में जानकारी दी।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने सर्वदलीय बैठक में सरकार को हर संभव समर्थन देने की बात कही। राहुल गांधी ने इस हमले के मद्देनजर अमेरिका दौरा बीच में छोड़कर कांग्रेस कार्य समिति (CWC) की बैठक में भाग लिया।
कांग्रेस कार्य समिति ने इस हमले की तीव्र निंदा की और सुरक्षा चूक व खुफिया जानकारी के अभाव पर चिंता जताई। पार्टी सूत्रों के अनुसार, राहुल और खड़गे समेत अन्य विपक्षी नेताओं ने यह मुद्दा सर्वदलीय बैठक में उठाया। हालांकि, सरकार द्वारा सुरक्षा चूक को स्वीकारने के बाद विपक्ष ने एकजुटता दिखाते हुए सरकार को हर कदम पर समर्थन देने की घोषणा की।
कांग्रेस ने आगामी अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा को लेकर भी चिंता जताई और कहा कि गृह मंत्री अमित शाह के हालिया बयान—कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद पर लगाम लग चुकी है—के बावजूद यह हमला सरकार की विफलता को उजागर करता है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता टीएस सिंह देव ने सवाल किया कि आतंकवाद पर सरकार की नीतियां विफल क्यों हो रही हैं? उन्होंने पूछा, “अब और कितनी जानें जाएंगी, जब तक जिम्मेदारी तय नहीं की जाती?”
CWC ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा और उसके समर्थक सोशल मीडिया प्लेटफार्म इस त्रासदी का राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि इस समय देश को एकजुट होने की जरूरत है।
AICC सचिव चंदन यादव ने सवाल उठाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक दिन बाद ही बिहार में हल्के मूड में चुनावी रैली कर रहे थे, जबकि देश इस हमले से आहत था। उन्होंने पूछा, “क्या इस समय चुनावी रैली की ज़रूरत थी या जम्मू-कश्मीर का दौरा अधिक जरूरी था?”
राहुल गांधी शुक्रवार को अनंतनाग स्थित जीएमसी अस्पताल में हमले में घायल लोगों से मिलेंगे। उसी शाम कांग्रेस देशभर में कैंडल मार्च निकालकर पीड़ितों के प्रति एकजुटता और आतंकवाद के खिलाफ दृढ़ता प्रकट करेगी।
कांग्रेस ने 25-26 अप्रैल को प्रस्तावित ‘संविधान बचाओ’ रैलियों को स्थगित कर दिया है और अब ये 27 अप्रैल से फिर शुरू होंगी।