Monday 2nd of June 2025 09:25:34 PM
HomeIndiaआतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में भारत-रूस की साझा पहल: कनिमोझी के...

आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में भारत-रूस की साझा पहल: कनिमोझी के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने मास्को में की व्यापक चर्चा

नई दिल्ली: आतंकवाद के खिलाफ भारत की निरंतर लड़ाई के तहत, सांसद कनिमोझी करुणानिधि के नेतृत्व में एक सर्वदलीय भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने रूसी संसद (फेडरेशन काउंसिल) के अंतरराष्ट्रीय मामलों की समिति के पहले उपाध्यक्ष आंद्रेई डेनिसोव और अन्य सांसदों के साथ मास्को में व्यापक चर्चा की।

इस संवाद का मुख्य उद्देश्य वैश्विक आतंकवाद के खिलाफ विधायी समन्वय को मजबूत करना था। भारतीय पक्ष ने इस दिशा में भारत की कार्रवाई ऑपरेशन सिंदूर का उल्लेख किया।

बाद में प्रतिनिधिमंडल ने स्टेट ड्यूमा की अंतरराष्ट्रीय मामलों की समिति के अध्यक्ष लियोनिद स्लुत्स्की से भी मुलाकात की और अन्य सांसदों से बातचीत की।


🤝 भारत-रूस संबंधों पर जोर:

दोनों पक्षों ने भारत-रूस के ऐतिहासिक और भरोसेमंद रिश्तों को दोहराया, जो आपसी सम्मान और विश्वास पर आधारित हैं। चर्चा में वैश्विक सुरक्षा ढांचा, भू-राजनीतिक परिस्थितियाँ, और बहुपक्षीय सहयोग जैसे मुद्दे शामिल थे।

भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने आतंकवाद के खिलाफ सामूहिक कार्रवाई की आवश्यकता पर बल दिया, और यह भी कहा कि आतंकी संगठनों को सुरक्षित पनाहगाह, फंडिंग और राजनीतिक समर्थन से रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय तंत्र को मजबूत करना जरूरी है।


🌐 वैश्विक मामलों पर चर्चा:

प्रतिनिधिमंडल ने रूसी उप विदेश मंत्री आंद्रेई रुडेंको से भी मुलाकात की, जहां द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा हुई। भारत ने अपनी “जीरो टॉलरेंस” आतंकवाद नीति को दोहराया और कहा कि भारत किसी भी परमाणु धमकी को बर्दाश्त नहीं करेगा

पूर्व प्रधानमंत्री मिखाइल फ्राडकोव, जो रूसी रणनीतिक अध्ययन संस्थान (RISS) के प्रमुख हैं, के साथ भी प्रतिनिधिमंडल की महत्वपूर्ण बातचीत हुई। चर्चा में चरमपंथी सोच, आतंकवादियों की दुष्प्रचार रणनीति, और राज्य प्रायोजित प्रचार तंत्र जैसे विषय शामिल थे।


📚 थिंक टैंक सहयोग पर सहमति:

दोनों पक्षों ने थिंक टैंकों के बीच सहयोग और विश्लेषणात्मक कार्य को बढ़ावा देने पर सहमति जताई, विशेषकर आतंकवाद के अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क को समझने के लिए।

प्रतिनिधिमंडल ने राज्य प्रायोजित आतंकवाद का पर्दाफाश करने और उन्हें अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अलग-थलग करने के लिए भारत की प्रतिबद्धता को दोहराया। साथ ही वैश्विक स्थिरता और भारत-रूस की विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने की प्रतिबद्धता भी जताई।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments