मॉस्को/टोक्यो/मनामा: भारत के सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों ने शनिवार को रूस और जापान की अपनी यात्राएं पूरी कर लीं। इन बैठकों में आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई पर गंभीर चर्चा हुई, जबकि एक और प्रतिनिधिमंडल बहरीन पहुंचा ताकि भारत की सीमा पार कट्टरपंथ के खिलाफ प्रतिक्रिया को रेखांकित किया जा सके।
ये तीनों प्रतिनिधिमंडल भारत की उस कूटनीतिक पहल का हिस्सा हैं जिसमें सात सर्वदलीय टीमों को 33 वैश्विक राजधानियों में भेजा गया है। इनका उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भारत पर आतंकवाद के खतरे और उसके जवाब के बारे में जागरूक करना है।
🤝 रूस यात्रा:
DMK सांसद कनिमोझी करुणानिधि के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने रूसी संसद सदस्यों से भेंट की और आतंकवाद से निपटने के लिए द्विपक्षीय सहयोग पर चर्चा की।
“पाकिस्तान आतंकवादियों को बचाता है और झूठा प्रचार करता है। हमने केवल आतंकी अड्डों को निशाना बनाया है,” कनिमोझी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा।
🇯🇵 जापान यात्रा:
JDU सांसद संजय कुमार झा के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने कहा:
“हर मंच पर हमने पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ भारत की ज़ीरो टॉलरेंस नीति को दोहराया।“
जापान ने भारत के रुख का स्पष्ट और मजबूत समर्थन किया।
TMC सांसद अभिषेक बनर्जी ने कहा:
“अगर आतंकवाद एक पागल कुत्ता है, तो पाकिस्तान उसका घटिया पालक है।“
उन्होंने भारतीय समुदाय से अपील की कि वे अपने नेटवर्क और प्रभाव से भारत का संदेश दुनिया तक पहुंचाएं।
🇧🇭 बहरीन यात्रा:
भाजपा नेता बैजयंत जय पांडा के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल बहरीन पहुंचा।
“भारत की आतंकवाद के विरुद्ध अडिग नीति को हर चर्चा में उजागर किया जाएगा,” भारतीय दूतावास ने कहा।
🌍 यूएई से प्रतिक्रिया:
भारत के राजदूत संजय सुधीर ने कहा:
“यूएई ने सबसे पहले अप्रैल के पहलगाम हमले को आतंक की स्पष्ट निंदा की थी। यह बदलाव दर्शाता है कि भारत के प्रति GCC देशों का रवैया और समझ अब मजबूत हुई है।“
🔥 पृष्ठभूमि: पहलगाम हमला और ऑपरेशन सिंदूर
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22 अप्रैल 2025: पहलगाम में आतंकी हमले में 26 नागरिकों की मौत।
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7 मई: भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और PoK में आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए।
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8-10 मई: पाकिस्तान की जवाबी कार्रवाई के बाद भारत ने सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया।
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10 मई: दोनों देशों में सीज़फायर पर सहमति बनी।