अमित सहाय/ उज्ज्वल दुनिया
गिरिडीह । सीसीएल बनियाडीह इलाके में भू-धंसान का खतरा बढ़ता ही जा रहा है। सीसीएल के सुरक्षा विभाग और सिविल विभाग के शिथिलता के कारण लगातार भू-धंसान की घटनाएं सामने आ रही हैं। सीसीएल प्रबंधन द्वारा अवैध उत्खनन पर लगाम नहीं लगाने के कारण सीसीएल अस्पपताल में कार्यरत नर्स सुशीला कुमारी का क्वार्टर धंस गया। बुधवार को देर रात तेज धमाकों के साथ हुए भू-धंसान से अफरातफरी का माहौल हो गया। धमाके की आवाज सुनते ही समय पर सुशीला कुमारी अपने दो बेटी, एक बेटा और नाती समेत 8 लोग को लेकर फौरन क्वार्टर से बाहर निकल गयी। जिससे बड़ा हादसा टल गया।
भू-धंसान की इस घटना में अन्य कई घरों में भी दरारें पड़ गई हैं। अस्पताल परिसर के पास स्थित बबलू भट्टाचार्य, केशु तिवारी, सुरेश प्रसाद आदि के घर भी क्षतिग्रस्त हो गए। पहले भी भू-धंसान की घटना में सीसीएल अस्पताल की चहारदीवारी भी गिर गई थी। लगातार हो रही भू-धंसान की घटनाओं के बाद क्षेत्र के लोग डरे हुए हैं। साथ ही लोगों में सीसीएल प्रबंधन के प्रति आक्रोश बढ़ता जा रहा है।
स्थानीय लोगों का आरोप है कि बड़े पैमाने पर हुए अवैध खनन से अस्पताल और इसके आसपास का हिस्सा पूरी तरह से खोखला हो चुका है। जिससे खतरा बढ़ा हुआ है। अभी कुछ समय पहले ही अस्पताल के पीछे स्थित पानी टंकी के पास भू-धंसान की घटना भी हुई थी। भू-धंसान के मूल कारणों पर ध्यान नहीं देने का आरोप प्रबंधन पर लोग लगा रहे हैं ।
लगातार खबर के प्रकाशन के बाद भी सीसीएल प्रबंधन का ध्यान इस ओर नहीं गया है, इसे लेकर कई बार शिकायत भी की गई है। इस संबंध में प्रबंधन को कई संगठन ने बराबर आगाह किया। अवैध कोयला उत्खनन रोकने के लिए भी प्रबंधन पर दबाव बनाते रहे हैं। लेकिन प्रबंधन द्वारा इस ओर कोई समुचित कार्रवाई नहीं किया। सुुुुुुत्रो ने बताया कि सीसीएल प्रबंधन की घोर लापरवाही है। अवैध उत्खनन को बढ़ावा देने में प्रबंंधन की खुुुब भुमिका रही है।
इधर घटना की सूचना मिलने पर सीसीएल परियोजना पदाधिकारी एस. के सिंह सुरक्षा विभाग और सिविल विभाग के कर्मियों को लेकर मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। मौके पर उन्होंने कहा कि परिवार को दूसरे क्वार्टर में शिफ्ट कर दिया जाएगा। वहीं अस्पताल को दूसरे स्थान पर शिफ्ट किया जाएगा।