
गया से श्रीकांत
गया: देश सेवा के लिए सबसे बेहतर विकल्प आर्मी है। ज्यादा से ज्यादा युवाओं को आर्मी में आना चाहिए और देश की सेवा करनी चाहिए। इससे न सिर्फ़ युवाओं के माता पिता का अभिमान बढ़ेगा बल्कि देश का भी गौरव बढ़ेगा। उक्त बातें ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकैडमी (ओटीए) के कमांडेंट जीएवी रेड्डी ने 19वी पासिंग आउट परेड के दौरान कहीं।

उन्होंने कहा कि गया ओटीए अत्याधुनिक संसाधनों से लैस है। ओटीए को और हाईटेक बनाने के लिए प्रयास किया जा रहा है। इसका बेहतर परिणाम जल्द ही देखने को मिलेगा। यहां कैडेट्स को बेहतर प्रशिक्षण देकर उन्हें जांबाज अधिकारी बनाया जाता है। जो हर परिस्थिति में बेहतर करने के लिए परिपूर्ण होते हैं। वही उन्होंने कहा कि महिलाओं को भी यहां ट्रेनिंग देने के लिए विचार किया जा रहा है। अगर सहमति बनती है तो महिलाओं के भी यहां ट्रेनिंग की व्यवस्था बहुत जल्द होगी। फिलवक्त चेन्नई में ही महिलाओं को ट्रेनिंग देकर उन्हें अधिकारी बनाने का कार्य किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि कोरोना के कारण अभिभावक इस बार नहीं आ सके। लेकिन कार्यक्रम का लाइव कराए जा रहा था। ताकि लोग घर बैठे पासिंग आउट परेड कार्यक्रम को देख सकें। इसके अलावा सरकार के गाइड लाइन का भी पूरी तरह से अनुपालन करते हुए पासिंग आउट परेड कार्यक्रम को संपन्न कराया गया है। उन्होंने कहा कि इस पासिंग आउट परेड में कुल 20 कैडेट्स कमीशन प्राप्त हुए है। अब ये देश के विभिन्न संस्थानों में अपनी सेवा देकर भारत देश का मान बढ़ाएंगे। मैं इन कैडेट्स के उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए बधाई देता हूं।
गौरतलब है कि गया-बोधगया मुख्य हसड़क मार्ग पहाड़पुर गांव के समीप स्थित ऑफीसर्स ट्रेंनिंग अकैडमी के प्रांगण में 19वी पासिंग आउट परेड का आयोजन किया गया। जिसमें 20 जेंटलमैन कैडेट्स सैन्य अधिकारी बने। ओटीए कमांडेंट जीएवी रेड्डी मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद थे। सेना के विमान द्वारा जवानों के ऊपर पुष्प वर्षा कर हौसला अफजाई की गई। इस दौरान ओटीए के कई अधिकारी, जवान एवं जेंटलमैन कैडेट्स के अभिभावक मौजूद थे। जेंटलमैन कैडेट्स ने सेना के बैंड की धुन पर शानदार परेड मार्च किया। वहीं पीपिंग सेरोमनी कार्यक्रम के दौरान अधिकारियों एवं कैडेट्स के माता-पिता की अनुपस्थिति में अधिकारियों ने उनके कंधे पर बैच लगाकर खुशी जताई।
वहीं सेना में अधिकारी बनने वाले गुजरात निवासी यादव बुद्धराज ने कहा कि एक जवान से अधिकारी बनने तक का सफर काफी कठिन होता है। बचपन से जो आज सपना देखा था वह पूरा हुआ है। काफी खुशी महसूस हो रही है। कोरोना के कारण माता-पिता यहां नहीं आ सके। इसलिए दुख भी है। देश के युवाओं से कहना चाहूंगा कि ज्यादा से ज्यादा संख्या में आर्मी से जुड़े और देश की सेवा करें। उन्होंने कहा कि मेरे पिता किसान है और माता गृहणी है। माता-पिता के आशीर्वाद व पत्नी के सहयोग से मैंने ये सफलता पाई हैं।
वहीं बिहार के छपरा जिला के एकमा के रहने वाले संतोष कुमार राय ने कहा कि बचपन से ही आर्मी जॉइन करने का सपना था। हमारे पिता भी आर्मी में रहे हैं। यही वजह है कि आर्मी में आने का शुरू से ही मन था। आज अधिकारी बनकर काफी अच्छा लग रहा है। हम अपने क्षेत्र के युवाओं से भी कहेंगे कि वे आर्मी जॉइन कर देश की सेवा में आगे आए।