झारखंड के जामताड़ा से पुलिस ने 10 करोड़ रुपये की साइबर ठगी को अंजाम देने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है। इस गिरोह के मास्टरमाइंड सहित 6 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है। इनके पास से 14 मोबाइल, 23 सिम कार्ड, एक ड्रोन कैमरा, एक डीएसएलआर कैमरा, दो चारपहिया वाहन, 10 एटीएम कार्ड और करीब 1 लाख रुपये नगद बरामद हुए हैं।
यह गिरोह एपेक फाइल मैसेज के जरिए लोगों के फोन पर लिंक भेजता था। जैसे ही कोई व्यक्ति उस लिंक पर क्लिक करता, उसके फोन का पूरा डेटा इन अपराधियों के पास पहुंच जाता था। इसके बाद, बिना ओटीपी के ही वे बैंक खातों से पैसे निकाल लेते थे।
गिरोह का नेटवर्क और ठगी का तरीका
गिरोह ने पीएम किसान योजना, फसल बीमा योजना और नेशनलाइज्ड बैंकों के लाभुकों की डिटेल्स तक पहुंच बना ली थी। पुलिस ने बताया कि इन अपराधियों ने देशभर में करीब 415 साइबर अपराधों को अंजाम दिया, जिसमें 10 करोड़ रुपये की ठगी हुई। इनके जब्त मोबाइल में लगभग 2,700 पीड़ितों के डेटा और ढाई लाख से अधिक मैसेज मिले हैं।
एसपी का बयान
जामताड़ा एसपी एहतेशाम वकारीब ने इस कार्रवाई को पुलिस की बड़ी सफलता बताया। उन्होंने बताया, “गिरोह एपेक लिंक के जरिए फोन की पूरी जानकारी चुरा लेता था और बिना ओटीपी के खातों से पैसा निकाल लेता था।”
गिरफ्तार अपराधियों में मोहम्मद महबूब आलम, सफाउद्दीन अंसारी, आरिफ अंसारी, जैस्मिन अंसारी, शेख बलाल और अजय मंडल के नाम शामिल हैं। एसपी ने बताया कि गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश जारी है।
राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सहायता
मामले की गंभीरता को देखते हुए झारखंड सीआईडी ने गृह मंत्रालय और भारतीय साइबर अपराध समन्वय से तकनीकी सहायता मांगी है। गिरोह के अपराध क्षेत्र झारखंड के गिरिडीह, जामताड़ा, सारठ, धनबाद और देवघर में सक्रिय थे।
इस घटना ने साइबर सुरक्षा और ठगी रोकने के उपायों को मजबूत करने की आवश्यकता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।