अमेरिकी सैनिकों द्वारा पूरी तरह अफगानिस्तान छोड़ने के चंद घंटों के अंदर ही भारत सरकार ने तालिबान के प्रतिनिधियों से बातचीत शुरू कर दी । कतर की राजधानी दोहा में भारत के राजदूत और तालिबान के शीर्ष नेता के बीच बातचीत हुई ।
भारतीय नागरिकों को अफगानिस्तान से सुरक्षित वापसी का मुद्दा
तालिबान अब पूरी तरह अफगानिस्तान की सत्ता पर काबिज है। अब तालिबान ही अफगान सरकार है । ऐसे में उस देश में फंसे भारतीयों को सुरक्षित लाने के लिए भारत सरकार को तालिबान से बात करनी ही पड़ेगी । वैसे भी भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने साफ कहा है कि जबतक एक-एक भारतीय नागरिकों को सुरक्षित नहीं निकाल लेते, तबतक मिशन देवदूत जारी रहेगा।
दीपक मित्तल ने तालिबान के राजनीतिक विंग के हेड से की बात
कतर में भारत के राजदूत दीपक मित्तल और तालिबान के राजनीतिक विंग के प्रमुख शेर मोहम्मद तानेकजई (Sher Mohammad Abbas Stanekzai) केबीच करीब दो घंटे तक बातचीत चली । भारत के राजदूत दीपक मित्तल ने बताया कि तालिबान ने भारत से वादा किया है कि वो भारतीय नागरिकों को सुरक्षित वापस हिन्दुस्तान भेजने में सहयोग करेगा ।
अफगानिस्तान की धरती को भारत के खिलाफ इस्तेमाल नहीं होने देंगे- तालिबान
भारत के साथ बातचीत के दौरान तालिबान के राजनीतिक विंग के मुखिया ने भरोसा दिलाया है कि वो अफगानिस्तान की धरती को भारत के खिलाफ इस्तेमाल नहीं होने देंगे। ।इतना ही नहीं तालिबानी कमांडर ने भारत को अफगानिस्तान का पुराना दोस्त बताया।