
कोलकाता। पीएम की मीटिंग में देर से पहुंचने और उनका अपमान करने के मुद्दे पर बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपना पक्ष रखा । ममता बनर्जी ने कहा कि मैंने प्रधानमंत्री को इंतजार नहीं करवाया, उल्टा मुझे पीएम से मिलने के लिए आधे घंटे तक इंतजार कराया गया।
अपमान बर्दाश्त नहीं
ममता बनर्जी ने कहा कि वो बंगाल की जनता की भलाई के लिए प्रधानमंत्री मोदी का पैर पकड़ सकती हैं, लेकिन अगर किसी ने बंगाल या बंगाली अस्मिता से खिलवाड़ किया तो बर्दाश्त नहीं करेंगी । ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि PMO से मीडिया में खबरें प्लांट कराई जा रही हैं। मुख्य सचिव को दिल्ली बुलाए जाने पर ममता बनर्जी ने कहा कि मैं केंद्र सरकार से गुजारिश करती हूँ कि मुख्य सचिव को आपसी राजनीति में बलि का बकरा न बनाया जाये।
विपक्ष के नेता को मीटिंग में बुलाने का क्या औचित्य
पहले समीक्षा बैठक प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के बीच होनी थी। इसके लिए मैंने अपने दौरे में कटौती की और कलाईकुंडा जाने का कार्यक्रम बनाया। बाद में बैठक में आमंत्रित लोगों की संशोधित सूची में राज्यपाल, केंद्रीय मंत्रियों और विपक्ष के नेता का नाम भी शामिल किया गया। इसलिए मैंने बैठक में हिस्सा नहीं लिया। आखिर गुजरात और ओडिशा में तो ऐसी बैठकों में विपक्ष के नेता को नहीं बुलाया गया था।
मुझे बदनाम करने की कोशिश की जा रही
शाम को प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के दफ्तर से मुझे बदनाम करने के अभियान के तहत लगातार खबरें और बयान जारी किए गए। उसके बाद राज्य सरकार से सलाह-मशविरा किए बिना मुख्य सचिव को अचानक दिल्ली बुला लिया गया। प्रधानमंत्री और केंद्र सरकार हमेशा टकराव के मूड में रही है। चुनावी नतीजों के बाद भी राज्यपाल और दूसरे नेता लगातार आक्रामक मूड में हैं। दरअसल भाजपा अपनी हार नहीं पचा पा रही है। इसलिए बदले की राजनीति के तहत यह सब कर रही है।
राज्य को अशांत करने का आरोप लगाया
मुख्य सचिव को दिल्ली बुलाकर केंद्र सरकार तूफान राहत और कोविड के खिलाफ लड़ाई में सरकार को अशांत करना चाहती है। आखिर केंद्र को बंगाल से इतनी नाराजगी क्यों है? अगर मुझसे कोई नाराजगी है तो बंगाल के लोगों के हित में मैं प्रधानमंत्री का पांव पकड़ कर माफी मांगने के लिए तैयार हूं। केंद्र सरकार यह गंदा खेल मत खेले।

