जम्मू-कश्मीर में लगातार बारिश और बाढ़ ने कहर बरपाया है। जम्मू संभाग में हालात गंभीर बने हुए हैं, जहां प्रशासन ने अब तक 5000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। हालांकि, कश्मीर घाटी में 2014 जैसी बाढ़ की आशंका को फिलहाल टाल दिया गया है।
जम्मू क्षेत्र की स्थिति:
तवी नदी के उफान और भारी बारिश के कारण जम्मू शहर में बाढ़ जैसे हालात हैं। डोडा में भारी बारिश और भूस्खलन से चार लोगों की मौत हो गई, जबकि माता वैष्णो देवी यात्रा मार्ग पर भूस्खलन में 30 से अधिक तीर्थयात्रियों की जान चली गई। जम्मू ने अगस्त महीने में 24 घंटे में सबसे अधिक 380 मिमी बारिश दर्ज की।
राहत व बचाव कार्य:
एलजी मनोज सिन्हा ने बताया कि एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और सेना राहत कार्यों में लगी हुई हैं। उन्होंने मृतकों के परिजनों को 9 लाख रुपये (5 लाख श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड से और 4 लाख एसडीआरएफ से) की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की।
कश्मीर घाटी की स्थिति:
जेलम नदी और उसकी सहायक नदियों का जलस्तर खतरे के निशान पर पहुंच गया था, लेकिन मौसम में सुधार से स्थिति काबू में है। अनंतनाग और पुलवामा के निचले इलाकों में जलभराव हुआ है। प्रशासन ने लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है और गुरुवार को स्कूल-कॉलेज बंद रखने के आदेश दिए गए हैं।
सरकारी सहायता:
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने मृतकों के परिजनों को 6 लाख रुपये की अनुग्रह राशि और घायलों को मुआवजा देने की घोषणा की है। प्रत्येक उपायुक्त को राहत और पुनर्वास कार्यों के लिए 10 करोड़ रुपये अग्रिम उपलब्ध कराए गए हैं।

