केंद्र सरकार ने Scrape Policy का ऐलान कर दिया है। सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को लोकसभा में व्हीकल स्क्रैपिंग पॉलिसी का एलान करते हुए कहा कि 15 साल से पुराने कमर्शियल वाहन (Commercial Vehicles) और 20 साल से पुराने प्राइवेट व्हीकल्स बिना फिटनेस टेस्ट पास किए सड़क पर नहीं दौड़ेंगे।

फिटनेस में पास होने के बाद ही इनका सर्टिफिकेट रिन्यू किया जाएगा।
नितिन गडकरी ने कहा कि फिटनेस टेस्ट में अनफिट वाहनों को स्क्रैप कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि वाहनों की Fitness Test के लिए विशेष सेंटर तैयार किए जाएंगे। वहीं, परिवहन मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि मंत्रालय की योजना मार्च 2023 तक देशभर में 75 फिटनेस सेंटर स्थापित करने की है। वहीं, दिसंबर 2023 तक देशभर में 50 स्क्रैपिंग सेंटर भी स्थापित किए जाएंगे।
परिवहन मंत्रालय के सूत्रों ने कहा ने कहा कि अगर लीज पर ली गई जमीन पर स्क्रैपिंग सेंटर स्थापित किए जाएंगे तो एक स्क्रैपिंग सेंटर पर करीब 18 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। वहीं, अगर जमीन खरीदकर उस पर स्क्रैपिंग सेंटर स्थापित किया जाता है तो इस पर करीब 33 करोड़ रुपये का खर्च आने का अनुमान है।
स्क्रैप कराने पर कई छूट मिलेगी
लोकसभा में नई पॉलिसी का एलान करते हुए नितिन गडकरी ने कहा कि यह सभी पक्षों के लिए फायदे का सौदा है। पुरानी और अनफिट गाडि़यों को स्क्रैप कराने पर उनके मालिकों को कई छूट मिलेगी। इस पॉलिसी से GST में 40 हजार करोड़ रुपये की वृद्धि का अनुमान है। उन्होंने कहा कि सड़क से अनफिट गाडि़यां हटने से सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी।
10 लाख करोड़ रुपये की होगी ऑटो इंडस्ट्री
नितिन गडकरी ने कहा कि स्क्रैपिंग पॉलिसी के लागू होने पर देश में 10,000 करोड़ के नए निवेश के साथ 35,000 रोजगार सृजित होंगे। साथ ही देश की ऑटो इंडस्ट्री का आकार मौजूदा 4.5 लाख करोड़ से बढ़कर 10 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान है।