जम्मू: शनिवार को पहली मालगाड़ी अनंतनाग पहुंची, और नॉर्दर्न रेलवे के जम्मू डिवीजन ने इस मौसम में कश्मीर के सेब नई दिल्ली तक पहुंचाने की योजना बनाई है। इसके बाद जम्मू-कश्मीर के ट्रक चालकों को अपनी रोज़गार खोने का डर सताने लगा है।
शुरुआत में रेलवे सीमेंट, अनाज और अन्य सामान ट्रांसपोर्ट करेगा, जिन्हें पहले जम्मू और उधमपुर के रेलवे शेड पर ट्रक चालकों द्वारा लोड किया जाता था। आज अनंतनाग के गुड्स शेड से मालगाड़ी सेवा की शुरुआत हुई।
नॉर्दर्न रेलवे ने इसे “ऐतिहासिक मील का पत्थर” बताया। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस ऐतिहासिक ट्रेन की यात्रा का वीडियो अपने X हैंडल पर साझा किया, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी रीशेयर करते हुए प्रगति और समृद्धि के लिए एक महत्वपूर्ण दिन बताया।
पहले ही कटरा और श्रीनगर के बीच वंदे भारत ट्रेन सेवा शुरू हो चुकी है, जो कश्मीर घाटी को रेलवे से जोड़ती है।
लेकिन ट्रक चालकों और परिवहन संघ ने अपनी चिंताएं व्यक्त की हैं कि मालगाड़ी सेवा शुरू होने से उनका जीवनयापन प्रभावित होगा। जम्मू ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष अजीत सिंह ने कहा कि पहले से ही पैसेंजर ट्रेन सेवा ने टैक्सी व्यवसाय को नुकसान पहुंचाया है, और अब मालगाड़ी सेवा ट्रक चालकों के लिए बड़ा खतरा बन गई है।
उन्होंने कहा, “सेब का सीजन ही वह वक्त होता है जब ट्रक चालकों को अच्छी आमदनी होती है, लेकिन अगर फल ट्रेन से भेजे गए, तो उनका काम खत्म हो जाएगा।”
अजीत सिंह ने बताया कि वे अगस्त 13 को श्रीनगर, और 16 व 17 को जम्मू में ट्रक चालकों की बैठक कर दिल्ली जाकर केंद्रीय मंत्रियों से अपनी मांगें रखेंगे।
जम्मू-कश्मीर में लगभग 8,000 ट्रक चालक विभिन्न मार्गों पर काम करते हैं, जिनमें से अधिकतर जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर ही चलते हैं। मालगाड़ियां अधिक होने पर उनकी नौकरियों पर संकट आ सकता है।
ऑल जम्मू-कश्मीर ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष देविंदर चौधरी ने कहा, “इस फैसले से ट्रक कारोबार खत्म हो जाएगा, और ट्रक चालकों के परिवारों की आजीविका खतरे में पड़ेगी। युवा इस व्यवसाय में निवेश कर अपना भविष्य बनाते थे, अब उनके लिए विकल्प कम हो जाएंगे।”
राष्ट्रीय राजमार्ग 44, जम्मू और कश्मीर को जोड़ने वाली एकमात्र ऑल-वेदर सड़क है, जो हजारों ट्रक चालकों को रोजगार देती है। इसके जरिए कई तरह के वस्तुएं घाटी भेजी और लाई जाती हैं। लेकिन मालगाड़ी सेवा शुरू होने से इन वस्तुओं के परिवहन का तरीका बदल जाएगा।