
कल तक रूपा तिर्की को अपनी बहन बताने वाले हेमंत सोरेन जी की सरकार ने रूपा के परिजनों की आवाज को दबाने के लिये आज उसके पिता को ही आरोपी बनवा दिया..खुद को आदिवासियों की हितैषी बताने वाली झारखंड सरकार एक आदिवासी बेटी के साथ ही न्याय करने में असमर्थ साबित हो रही है..ये बातें हटिया विधानसभा के भाजपा विधायक नवीन जायसवाल ने कही ।
नवीन जायसवाल ने सवाल उठाते हुए कहा कि अपनी बेटी के लिए न्याय की मांग करना,उसकी हत्या की सीबीआई जांच करवाने की मांग करना कानूनन अपराध है क्या..? क्या कोई पिता अपनी ही बेटी को आत्महत्या के लिए उकसा सकता है क्या ?
ये सीधे-सीधे आरोपियों को बचाने एवं उनके परिजनों के न्याय की मांग को दबाने की कोशिश है..झारखंड की हिम्मत वाली सरकार की न्याय व्यवस्था झारखंड की बेटी एवं अपने ही एक सहयोगी को न्याय दिलवाने में पूरी तरह विफल साबित हुई है..
इस घटना की विस्तृत जानकारी लेने,आत्महत्या की संदिग्ध तस्वीरें एवं अन्य कई परिपेक्ष्यों को सुनने व देखने के उपरांत साफ-साफ प्रतीत होता है कि रूपा तिर्की के आत्महत्या की घटना पूरी तरह संदिग्ध है,संभव है कि रूपा तिर्की किसी बड़ी साजिश की शिकार हो गयी है,ऐसे में सीबीआई जांच की मांग को क्यों दरकिनार कर दिया जा रहा है..?
नवीन जायसवाल ने कहा कि मैंने पूर्व में भी इस संदर्भ में झारखंड की राज्यपाल महामहिम द्रौपदी मुर्मू जी एवं मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन जी को पत्र लिख कर इस मामले की सीबीआई जांच करवाने की मांग की थी ।
मैं आज पुनः एक बार मुख्यमंत्री जी से आग्रह करता हूँ कि इस मामले की जांच सीबीआई से करायी जाये ताकि झारखंड की बेटी को न्याय और इस घटना के पीछे संलिप्त दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिल सके..सिर्फ अपने बेटी के लिए न्याय की मांग करने की वजह से रूपा के परिजनों को इस मामले में घसीटने की कोशिश निंदनीय है,आज झारखंड हाइकोर्ट ने भी रूपा के परिजनों को सुरक्षा मुहैया कराने का आदेश दिया है,ऐसे में उसके पिता का नाम बेवजह इस केस से नहीं जोड़ा जाना चाहिए ||