
झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के केन्द्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा है कि अंग्रेज भारत को गुलाम बनाने के लिए ईस्ट इंडिया कंपनी लेकर आए थे, अब मोदीजी अंबानी और अडाणी की वेस्ट इंडिया कंपनी लेकर आए हैं । उन्होने कहा कि फर्क बस इतना है कि पहले अंग्रेज कंपनी लेकर आए फिर भारत पर राज किया, इसबार पहले राज में आए, तब अपने आका के अनुसार किसानों को गुलाम बनाने की साजिश रची जा रही है।
जाति आधारित जनगणना पक क्या कहा ?
सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि नई दिल्ली में झारखण्ड के सभी दलों ने एक साथ मिलकर जातीय जनगणना की मांग केन्द्र सरकार से की है। अगर इस देश में कुत्ते-बिल्ली, पशु, पानी कितने क्यूसेक है, इसकी जनगणना हो सकती है तो फिर जाती आधारित जनगणना क्यों नहीं हो सकती। उन्होने कहा कि केन्द्र सरकार ने तो बकायदा हलफनामा देकर कहा है कि वे जातीय जनगणना नहीं करा सकते. अब इस देश के ओबीसी समाज को सोचना है कि उन्हे इस सरकार के साथ क्या करना है ?
रघुवर दास के बयान पर पलटवार
सुप्रियो भट्टाचार्य ने पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास द्वारा हेमंत सोरेन को अक्षम मुख्यमंत्री बताए जाने पर पलटवार करते हुए कहा कि इस राज्य की जनता ने अक्षम मुख्यमंत्री को हराकर उन्हे उनकी सही जगह बता दी है. अब बेरोजगार आदमी बैठे-बैठे इस तरह की उटपटांग बातें करता है तो इसे गंभीरता से नहीं लेना चाहिए। सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि ये भाजपा के लोग तय नहीं करेंगे कि झामुमो किसे अपना मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करती है।
सरना धर्मकोड पर क्या कहा ?
सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि सरना धर्मकोड को लेकर झारखण्ड सरकार की मंशा बिल्कुल साफ है। हम चाहते हैं कि आदिवासियों को अपना अलग धर्मकोड मिले। इस बाबत झारखण्ड विधानसभा ने प्रस्ताव पास कर बकायदा केन्द्र सरकार को भेज दिया है । इससे ज्यादा राज्य सरकार कुछ और नहीं कर सकती. संवैधानिक मजबूरियां हैं. अब जो करना है केन्द्र सरकार को करना है।