नई दिल्ली/तिरुवनंतपुरम: कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने मंगलवार को कहा कि उनकी अगुवाई में गई बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल की पांच देशों की यात्रा “बेहतरीन रही” और हर जगह “उच्च गुणवत्ता वाली बैठकें” हुईं। यह दौरा भारत की स्थिति को स्पष्ट करने के लिए था, जो ऑपरेशन सिंदूर के बाद अंतरराष्ट्रीय समुदाय तक पहुंच बनाने की रणनीति का हिस्सा था।
थरूर, जो इस प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख थे, ने कहा कि सभी देशों में भारत की स्थिति को पूरी तरह समझा गया और समर्थन भी मिला। उन्होंने खास तौर पर स्पष्ट किया कि भारत को पाकिस्तान से जुड़े मामलों में किसी भी तरह की मध्यस्थता स्वीकार नहीं है।
थरूर ने बताया, “हमारी यात्राओं के दौरान राष्ट्रपतियों, प्रधानमंत्रियों, उपराष्ट्रपतियों और वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकातें हुईं। कोलंबिया ने, जो पहले पाकिस्तान का समर्थन कर रहा था, हमारे प्रतिनिधिमंडल से मिलने के बाद अपना रुख बदल लिया।”
🧭 भारत की कूटनीतिक सफलता
थरूर ने कहा, “हर देश में हमारी बातों को गंभीरता से लिया गया और हमारी ओर से दिखाई गई संयम की नीति की प्रशंसा की गई।” अमेरिका की बात करते हुए उन्होंने कहा कि वहाँ किसी ने भी पाकिस्तान की बातों पर भरोसा नहीं किया। “उनके पास अब कोई कहानी नहीं बची है। जब मैंने अमेरिकी नेताओं से कहा कि ‘अगर आप अपने घर में सांप पालेंगे, तो वह सिर्फ आपके दुश्मनों को नहीं डंसेगा’, तो सभी ने समझा।”
🚫 मध्यस्थता का खंडन
थरूर ने अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस को साफ शब्दों में बताया कि भारत ने कभी किसी से मध्यस्थता की मांग नहीं की। “यह दो छात्रों की लड़ाई नहीं है जिसमें प्रिंसिपल को बीच-बचाव करना पड़े। जब एक देश के आतंकी दूसरे देश में निर्दोष लोगों को मारते हैं, तो इसमें कोई समानता नहीं होती।”
उन्होंने यह भी बताया कि प्रतिनिधिमंडल ने 33 वैश्विक राजधानियों में भारत की स्थिति को स्पष्ट करने के लिए भेजे गए सात समूहों में से एक था।
🌍 जिन देशों का दौरा किया गया
थरूर के नेतृत्व वाला प्रतिनिधिमंडल गयाना, पनामा, कोलंबिया और ब्राज़ील की यात्रा करने के बाद वॉशिंगटन डीसी (अमेरिका) पहुँचा। अमेरिका में तीन दिन तक सांसदों, नीति-निर्माताओं, थिंक टैंकों, मीडिया और प्रवासी भारतीयों के साथ बातचीत हुई।
अन्य सदस्यों में शामिल थे:
सरफ़राज़ अहमद (झामुमो), गांति हरीश माधुर बालयोगी (टीडीपी), शशांक मणि त्रिपाठी (भाजपा), भुवनेश्वर कलिता (भाजपा), मिलिंद देवड़ा (शिवसेना), तेजस्वी सूर्या (भाजपा) और अमेरिका में भारत के पूर्व राजदूत तरनजीत संधू।
थरूर ने अंत में कहा, “हमने जो जिम्मेदारी सौंपी गई थी, वह पूरी की। अब मैं प्रधानमंत्री से मिलकर उन्हें अपनी रिपोर्ट सौंपूंगा।”