साओ पाउलो:
ब्राज़ील की सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को देश के पूर्व राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो को हाउस अरेस्ट में रखने का आदेश दिया है। उन पर 2022 के चुनाव परिणामों के बावजूद सत्ता में बने रहने के लिए तख्तापलट की साजिश रचने का आरोप है। यह फैसला ऐसे समय में आया है जब अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बोल्सोनारो के समर्थन में खुलकर बयान देते हुए ब्राज़ील के उत्पादों पर 50% टैरिफ लगाने की धमकी दी है।
न्यायाधीश अलेक्ज़ेंडर डी मोराइस ने बताया कि बोल्सोनारो ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों का उल्लंघन किया है, जब उन्होंने अपने बेटों के माध्यम से वीडियो संदेश के जरिये समर्थकों को संबोधित किया।
बोल्सोनारो के वकीलों का कहना है कि उनका संदेश सिर्फ एक भावनात्मक संबोधन था और इसे कोर्ट के आदेश की अवहेलना नहीं माना जा सकता।
ट्रंप के बयान ने बढ़ाई हलचल
ट्रंप ने इस मामले को “विच हंट” कहा है और बोल्सोनारो के पक्ष में खड़े होकर ब्राज़ील की न्यायपालिका पर सवाल उठाए हैं। इससे ब्राज़ील में राष्ट्रवादियों में आक्रोश और देश के भीतर राजनीतिक उबाल तेज हो गया है। राष्ट्रपति लुइज़ इनासियो लूला डा सिल्वा ने ट्रंप की टिप्पणियों की आलोचना की है।
गंभीर आरोपों का सामना
बोल्सोनारो पर न केवल चुनाव नतीजों को पलटने की साजिश का आरोप है, बल्कि राष्ट्रपति लूला और जज डी मोराइस की हत्या की योजना बनाने का भी आरोप है। कोर्ट ने उन्हें इलेक्ट्रॉनिक एंकल मॉनिटर पहनने और गतिविधियों पर कर्फ्यू लगाने का आदेश पहले ही दे दिया था।
अब, उनके मोबाइल फोन जब्त कर लिए गए हैं और उन्हें केवल परिजन व वकीलों से ही मिलने की अनुमति है।
देश में बढ़ते तनाव
हजारों बोल्सोनारो समर्थक सड़कों पर उतर आए हैं, जो या तो उन्हें माफ करने या सभी आरोपियों को रिहा करने की मांग कर रहे हैं। इस स्थिति ने ब्राज़ील के 2026 के आम चुनाव की राजनीति को गर्म कर दिया है।
राजनीतिक विशेषज्ञ क्रेओमार डी सूजा के अनुसार, यह फैसला विपक्ष के लिए एक नई शुरुआत है और यह तय करेगा कि आने वाले दिनों में लूला सरकार अपनी स्थिरता कैसे साबित करती है।
ब्राज़ील में यह चौथा मौका है जब किसी पूर्व राष्ट्रपति को गिरफ्तार किया गया है। इससे पहले लूला, मिशेल टेमेर और फर्नांडो कोलोर पर भी कानूनी कार्यवाही हो चुकी है।