रांची : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने कोविड-19 महामारी और लॉकडाउन के दौरान समाज के सभी वर्गों के साथ-साथ परफॉर्मिंग आर्ट्स से जुड़े कलाकारों, विशेषतः झारखण्ड के छऊ कलाकारों का भी बखूबी ध्यान रखा है| महामारी के दौरान, जब पूरी दुनिया में सार्वजनिक तौर पर सांस्कृतिक आयोजन बंद थे, भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय ने ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर रोजगार और कला प्रदर्शन का अवसर देकर कलाकारों को आजीविका का जरिया दिया| राज्यसभा में सांसद महेश पोद्दार ने अपने प्रश्न के जरिये झारखण्ड के छऊ कलाकारों की समस्या रखी, जिसका उत्तर देते हुए भारत सरकार के संस्कृति, पर्यटन एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री जी. किशन रेड्डी ने कलाकारों को इस दौरान दी गयी सहायता का ब्यौरा दिया|
मंत्री जी. किशन रेड्डी ने स्वीकार किया कि देश में कोविड-19 महामारी के कारण, पूरे कलाकार समुदाय को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ा| इन कलाकारों की आर्थिक स्थिति में सुधार लाने हेतु संस्कृति मंत्रालय ने कई पहलें की हैं ताकि कोविड-19 महामारी के दौरान विपत्तिग्रस्त कलाकारों की सहायता की जा सके|
भारत सरकार के सात क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्र (जेडसीसी) पूरे देश में नियमित आधार पर सांस्कृतिक कार्यकलाप और कार्यक्रम आयोजित करते हैं| झारखण्ड पूर्वी क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्र (ईजेडसीसी) कोलकाता का सदस्य राज्य है| झारखण्ड के छऊ कलाकारों सहित पूरे भारत से विभिन्न कला रूपों के लोक कलाकारों को इन कार्यक्रमों में शामिल किया जाता है, जिसके लिए इन कलाकारों को मानदेय, टीए/डीए, भोजन और आवास तथा परिवहन की सुविधा प्रदान की जाती है ताकि वे अपनी आजीविका जुटाने में समर्थ हो सकें|
ईजेडसीसी ने ऑनलाइन कार्यक्रमों के माध्यम से लगभग 12,000 कलाकारों को सहायता प्रदान की है और शिल्पकारों की आर्थिक सहायता करने हेतु शिल्पग्राम, शांतिनिकेतन में निर्माण उन्मुखी कार्यशालाओं का आयोजन किया है| इन सांस्कृतिक कार्यकलापों को कार्यान्वित करने के लिए, इन जेडसीसी को भारत सरकार द्वारा वार्षिक सहायता अनुदान उपलब्ध कराया जाता है| जेडसीसी द्वारा ऑनलाइन कार्यक्रमों का आयोजन और कलाकारों की प्रस्तुतियों को फेसबुक और यूट्यूब जैसे विभिन्न सोशल मीडिया मंचों पर इनका प्रसारण किया जा रहा है| कलाकारों को उनकी ऑनलाइन प्रस्तुतियों के लिए पारिश्रमिक प्रदान किया जाता है|