Monday 15th of September 2025 10:21:41 AM
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डीपीएस बोकारो के पूर्व छात्र हिमांशु बने श्रम प्रवर्तन अधिकारी

डीपीएस बोकारो के एक और होनहार छात्र ने राष्ट्रीय स्तर पर अपने विद्यालय और परिवार का नाम रोशन किया है। वर्ष 2015 बैच के मेधावी छात्र रहे हिमांशु कुमार का चयन श्रम प्रवर्तन अधिकारी (Enforcement Officer/Accounts Officer) के रूप में हुआ है। हिमांशु ने यह उपलब्धि संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) द्वारा आयोजित ईपीएफओ परीक्षा में 224वीं रैंक प्राप्त कर अर्जित की है।

देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक इस परीक्षा में सफलता प्राप्त कर हिमांशु ने अपने विद्यालय के गौरव में नया अध्याय जोड़ा है। उनकी इस सफलता पर डीपीएस बोकारो के शिक्षकों, छात्रों और पूरे विद्यालय परिवार में खुशी का माहौल है।


प्राचार्य की शुभकामनाएं

डीपीएस बोकारो के प्राचार्य डॉ. ए. एस. गंगवार ने हिमांशु की उपलब्धि पर प्रसन्नता व्यक्त की और उसे उज्जवल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा,
“विद्यालय में छात्रों के सर्वांगीण विकास की प्रतिबद्धता का यह एक और प्रमाण है। हिमांशु न केवल एक मेधावी छात्र था, बल्कि सह-शैक्षणिक गतिविधियों में भी उसका प्रदर्शन हमेशा उत्कृष्ट रहा है।”

डॉ. गंगवार ने हिमांशु की सफलता को विद्यालय की उपलब्धियों का नया अध्याय बताते हुए कहा कि वह अन्य छात्रों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा।


हिमांशु ने क्या कहा?

हिमांशु ने अपनी इस सफलता का श्रेय डीपीएस बोकारो और अपने परिवार को दिया। उन्होंने कहा कि विद्यालय में पढ़ाई के साथ-साथ व्यक्तित्व विकास के लिए उपलब्ध विभिन्न अवसरों ने उनके सपनों को नई उड़ान दी। उन्होंने कहा,
“गांव से डीपीएस बोकारो आने के बाद मैंने करियर के अलग-अलग आयामों को पहचाना। विद्यालय में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा और सह-शैक्षणिक गतिविधियों जैसे वाद-विवाद प्रतियोगिता, गिटार वादन, खेलकूद आदि ने मेरे व्यक्तित्व को निखारा।”


परिवार का योगदान

हिमांशु ने अपनी सफलता के पीछे अपने परिवार की भूमिका को सबसे महत्वपूर्ण बताया। वर्ष 1999 में पिता स्व. अनिल कुमार के निधन के बाद कठिन परिस्थितियों में उनकी माता विमला देवी ने उन्हें पढ़ाई जारी रखने और आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया।

तीन भाई-बहनों में सबसे छोटे हिमांशु के बड़े भाई ज्ञानदीप कुमार बिहार के नालंदा में युवा जदयू के नेता हैं, जबकि मंझले भाई सुधांशु कुमार एचपीसीएल, मुंबई में इंजीनियर के पद पर कार्यरत हैं। हिमांशु ने कहा,
“मेरे परिवार ने मेरे हर कदम पर मुझे प्रोत्साहित किया और इस मुकाम तक पहुंचने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।”


डीपीएस बोकारो का गौरव

हिमांशु की इस उपलब्धि ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि डीपीएस बोकारो न केवल शिक्षा में, बल्कि छात्रों के व्यक्तित्व विकास और उनके उज्जवल भविष्य के निर्माण में भी अग्रणी है। विद्यालय के शिक्षक और छात्र उनकी सफलता से प्रेरणा लेकर अपने लक्ष्यों की ओर बढ़ने के लिए उत्साहित हैं।

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