
2005 से रघुवर दास के खिलाफ मैनहर्ट घोटाले के आरोप लगते रहे हैं। इस बीच झारखंड में लगभग हर दल सरकार में रही, लेकिन 14 साल बाद वे अब भी सिर्फ आरोप ही हैं। हां, जब-तब बयानबाजी होती रहती है ताकि जनता को ये लगे कि देखिए फलानें पार्टी ने भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़े कदम उठाए हैं।
इसी तरह ड्रेनेज सिवरेज घोटाला भी बयानबाजी में सिमट कर रह गया । झारखंड में घोटालों की लंबी फेहरिस्त है, जिसपर दशकों से बयानबाजी होती रही लेकिन आरोपियों को सजा नहीं मिली । लोग दबी जुबान में कहते हैं कि हर कोई मधु कोड़ा जैसा निर्दलीय नहीं होता, जिसे जब दिल करे पकड़ कर जेल में डाल दो । कुछ बड़े घोटालेबाज बड़ी पार्टियों के भी होते हैं जैसे कांग्रेस, झामुमो और भाजपा । इनके शीर्ष नेतृत्व पर आरोप चाहे जो लगे लेकिन सजा नहीं होती….
ताजा मामला रघुवर सरकार में हुए कथित घोटालों का है। सरयू राय रघुवर सरकार में पूरे पांच साल मंत्री रहे। बीच-बीच में बयानबाजी जारी रही । कभी राजबाला वर्मा तो कभी सीधे रघुवर दास के खिलाफ वो बोलते रहे, लेकिन मंत्रीपद से इस्तीफा नहीं दिया। जब सरकार का कार्यकाल पूरा हो गया तो क्रांतिकारी बनकर रघुवर दास के खिलाफ ही मैदान में उतरे और जीत भी गये ।

चुनाव खत्तम, पइसा हज्जम
झारखंड में चुनाव खत्म हुए डेढ़ साल हो चुके हैं, लेकिन अबतक ठोस कार्रवाई के नाम पर बस इतना ही हुआ कि कुछ मामलों की जांच एंटी करप्शन ब्यूरो को सौंप दी गई । राज्यसभा स्टिंग मामले में पीसी एक्ट लगाने की कवायद हुई…बस इतना ही…इसके बाद शुद्ध राजनीतिक बयानबाजी…..
ईमानदारी का चोला ओढ़कर भ्रष्टाचार की नाली में डूबकी लगा रहे हैं….चेहरा छुपाने की जगह नहीं मिलेगी
बयानबाजी की फेहरिश्त में ताना एनकाउंटर रघुवर दास और सरयू राय के बीच है। मैनहर्ट मुद्दे पर रघुवर दास ने इशारों-इशारों में ही समझा दिया कि कुछ नहीं बिगड़ेगा…उन्होंने तीखा हमला करते हुए कहा कि कुछ लोग ईमानदारी का चोला ओढ़कर भ्रष्टाचार की नाली में डूबकी लगा रहे हैं…समय आने दिजिए, ऐसे लोगों को चेहरा छुपाने की भी जगह नहीं मिलेगी । सबको पता था कि रघुवर दास का इशारा किसकी ओर था…
एक तो चारी, उपर से सीनाजोरी- सरयू राय
उधर सरयू राय ने भी दावे के साथ कह दिया कि “क्या तत्कालीन नगर विकास मंत्री रघुवर दास अपने गलत एवं निहित स्वार्थ से प्रेरित इस निर्णय से सरकारी खजाना को हुए 3.62 करोड़ के नुकसान की भरपाई करेंगे? आश्चर्य है कि वे गलती स्वीकार करने और गलती के लिए माफी मांगने के बदले ढिठाई का प्रदर्शन कर रहे हैं और अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं। वे “चोरी भी और सीनाजोरी भी” तथा ‘‘चोर मचाये शोर” की कहावत चरितार्थ कर रहे हैं। मुख्यमंत्री रह चुके व्यक्ति का ऐसा आचरण अशोभनीय है।”
झामुमो ने कहा, रघुवर के पूरे कार्यकाल की जांच हो
रघुवर दास और सरयू राय के बीच हुए विवाद में सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा भी कूद पड़ी है। झारखंड मुक्ति मोर्चा के महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि रघुवर दास के खिलाफ भ्रष्टाचार के ढेरों आरोप हैं। सरकार उनके कार्यकाल की जांच के लिए एक सक्षम आयोग का जल्द गठन करे। अब ये तो हमें भी पता नहीं कि झारखंड मुक्ति मोर्चा मांग किससे कर रही थी, क्योंकि सरकार तो उन्हीं की है…