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विदेशी फंड की मदद से आदिवासी समाज के खिलाफ विघटनकारी शक्तियां कर रही षड्यंत्र: रघुवर दास

 

आदिवासी समाज की शौर्य गाथा पूरी दुनिया के लिए प्रेरणास्रोत
आदिवासी समाज की शौर्य गाथा पूरी दुनिया के लिए प्रेरणास्रोत: रघुवर दास 

जमशेदपुर। भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा जमशेदपुर महानगर द्वारा सोमवार को विश्व आदिवासी दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। पुराना सीतारामडेरा स्थित बिरसा मैदान में आयोजित कार्यक्रम में भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सह पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास, पूर्व विधायक लक्ष्मण टुडू एवं महानगर अध्यक्ष गूँजन यादव विशेष रूप से शामिल हुए एवं आदिवासी दिवस की शुभकामनाएं व्यक्त की। इस दौरान पूर्व सीएम रघुवर दास एवं पूर्व विधायक लक्षमण टुडू ने आदिवासी समाज के पुरोहित सांथाल समाज के नायके बाबा, हो समाज के दिऊरी बाबा एवं उरावं समाज के पाहन को पारंपरिक अंगवस्त्र भेंटकर सम्मानित किया।

इस अवसर पर पूर्व सीएम रघुवर दास ने प्रदेशवासियों को विश्व आदिवासी दिवस की शुभकामनाएं व्यक्त करते हुए कहा कि आदिवासी समाज के वीर सपूतों ने अंग्रेजी हुकूमत से लोहा लेने का कार्य किया। झारखंड जो वीरों की भूमि है, इस भूमि से भगवान बिरसा मुंडा, सिदो कान्हू, फूलो-झानो, चाँद-भैरव एवं अन्य ने अंग्रेजों से मुक्ति दिलाने और अपनी संस्कृति को बचाने में अपना जीवन बलिदान दिया।

आदिवासियों को विदेशी धन की बल पर गुमराह कर रही हैं विघटनकारी शक्तियां 

रघुवर दास ने कहा कि आजादी के बाद पहली बार लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने झारखंड के वीर सपूत भगवान बिरसा मुंडा एवं अन्य वीरों को सम्मान दिया। उन्होंने कहा कि झारखंड में विघटनकारी एवं विदेशी शक्तियां छल-बल और प्रलोभन देकर आदिवासियों की परंपरा, अस्मिता और उनकी संस्कृति को खत्म करने का षड्यंत्र कर रही है। वर्तमान सरकार ऐसी शक्तियों को संरक्षण देकर आदिवासी समाज को भी छलने का कार्य कर रही है।

हमने जबरन धर्मांतरण के खिलाफ़ कानून बनाया,  मानकी- मुंडा को वेतनमान दिया 

रघुवर दास ने कहा कि पूर्व की भाजपा सरकार ने आदिवासियों के परंपरा, भाषा और संस्कृति संरक्षण हेतु धर्मांतरण कानून बनाया। सरना स्थल के सौंदर्यीकरण का कार्य प्रारंभ कराया। आदिवासी समाज के मानकी, मुंडा, हो एवं अन्य लोगों को मानदेय देने का कार्य किया, परंतु वर्तमान सरकार ने मानदेय की राशि बंद कर आदिवासी समाज के लोगों के साथ विश्वासघात किया है। उन्होंने कहा कि आने वाली पीढ़ी हमारे झारखंड के वीर सपूतों से प्रेरणा लें और अपनी संस्कृति और परंपरा के संरक्षण का संकल्प लें।

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