[राजेश कुमार]
गिरिडीह : जिले के सुदूर इलाके में अवस्थित लक्ष्मीबथान गांव की मृतका सुरजी मरांडी की असमय मौत के मामले को जिले के प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्रीमती बीना मिश्रा ने स्वयं संज्ञान लिया। और जिला प्रशासन को उस सुदूर इलाके में बसे गांव में विकास की किरण पहुंचा उसे मुख्यधारा में शामिल करने का निर्देश दिया।
प्रधान जिला जज ने जिला विधिक सेवा प्राधिकार के उपाध्यक्ष सह उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा से लक्ष्मीबथान गांव में जल्द से जल्द पीने के पानी की समस्या, सड़क की समस्या, वहां रह रहे बुजुर्गो के लिए पेंशन, प्रधानमंत्री आवास, आयुष्मान कार्ड का लाभ पहुंचने का निर्देश दिया। वंही उन्होंने जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव संदीप कुमार बर्तम को पीड़ित के परिजन को खाद्य सामग्री एवं अन्य जरूरत के सामान उपलब्ध कराने का निर्देश दिया।
गौरतलब है कि लक्ष्मीबथान गांव आदिवासी बहुल गांव है। जहां हर और जंगल ही जंगल है। लक्ष्मीबथान गांव पहुंचने के लिए बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। राह बेहद खराब है। मोटरसाइकिल से चलना तो दूर पैदल भी पहुंचने में कई जगहों पर ठोकर खाना पड़ता है। उस गांव की प्रसूता सूरजी मरांडी की बीते दिनों प्रसव के दौरान हुई मौत हो गयी थी। गांव में आवागमन की कोई सुविधा उपलब्ध नही रहने के कारण उसके परिजन उसे खाट पर लाद कर अस्पताल पहुंचे थे लेकिन उसकी असमय मौत हो गयी। इसकी खबर जब प्रधान न्यायधीश तक पहुंची तो उन्होंने खुद ही मामले को संज्ञान में लिया।
जिला जज ने कहा कि किसी और प्रसूति की दुःखद मौत दोबारा ना हो तथा प्रसूति को दोबारा खाट में अस्पताल ले जाने की जरूरत ना पड़े। उन्होंने इस दिशा में पहल करने और पूरे इलाके को मुख्यधारा में शामिल करने का स्पष्ट निर्देश जिला प्रशाशन को दिया।
मृतका के पति को प्राधिकार ने दिया खाद्य सामग्री :
जिला जज के निर्देश के आलोक में जिला विधिक सेवा प्राधिकार ने शनिवार को जिले के गांवा-तिसरी बॉर्डर पर अवस्थित लक्ष्मीबथान गांव की मृतका सुरजी मरांडी के पति सुनील टूडू को सूखा अनाज, चावल दाल, आलू के अलावे वस्त्र, कंबल, गद्दा आदि दिया।
इस मौके पर जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव संदीप कुमार बर्तम, न्यायधीश प्रभारी निशिकांत, उप समाहर्ता डॉक्टर सुदेश कुमार के अलावा तीसरी के पीएलबी दीपक कुमार विश्वकर्मा, पीएलबी दिलीप कुमार अशोक कुमार वर्मा, कामेश्वर कुमार एवं अन्य उपस्थित थे।