नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच की टीम ने एक अंतरराष्ट्रीय गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जो दिल्ली-एनसीआर से चोरी किए गए मोबाइल फोन को बांग्लादेश और नेपाल भेजता था। इस मामले में एक तस्कर को गिरफ्तार किया गया है, जिससे 48 महंगे मोबाइल बरामद किए गए हैं, जिनकी कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में करीब 20 लाख रुपये आंकी गई है। यह गिरोह दिल्ली-एनसीआर के मेट्रो स्टेशनों, बसों और भीड़भाड़ वाले बाजारों में सक्रिय था और वहीं से मोबाइल चोरी करता था।
पश्चिम बंगाल से जुड़े हैं तार
क्राइम ब्रांच डीसीपी आदित्य गौतम ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी की पहचान अब्दुस के रूप में हुई है, जो पश्चिम बंगाल का निवासी है। जांच में खुलासा हुआ कि इस गिरोह में कई लोग शामिल हैं, जो चोरी के मोबाइल की तस्करी कर उन्हें बांग्लादेश और नेपाल भेजते हैं। क्राइम ब्रांच की साइबर सेल इस गिरोह को पकड़ने में लगी थी और अब्दुस को कोतवाली इलाके से गिरफ्तार किया गया है।
कैसे होता था मोबाइल तस्करी का खेल?
जांच में पता चला कि यह गिरोह दिल्ली-एनसीआर में सक्रिय चोरों और स्नैचर्स से मोबाइल खरीदता था, जिसके लिए उन्हें प्रति मोबाइल 2,000 से 3,000 रुपये दिए जाते थे। इसके बाद, तस्कर इन मोबाइलों को इकट्ठा कर पश्चिम बंगाल ले जाते थे। वहां मोबाइल का सॉफ्टवेयर बदला जाता था और फिर इन्हें गैरकानूनी तरीके से सीमा पार भेजा जाता था। बांग्लादेश में इनकी कीमत 8,000 से 10,000 रुपये प्रति मोबाइल होती थी।
गिरफ्तार आरोपी ने किए कई खुलासे
पूछताछ के दौरान 24 वर्षीय आरोपी अब्दुस ने कबूल किया कि आर्थिक तंगी के कारण वह इस अवैध काम में शामिल हुआ। शुरुआत में वह मोबाइल फोन पार्ट्स के कबाड़ के व्यापार से जुड़ा था, लेकिन बाद में चोरी के मोबाइल के धंधे में लिप्त समीर और सलीम से संपर्क में आया। मुनाफे की संभावना देखकर उसने चोरी के मोबाइल सस्ते दामों में खरीदने और तस्करी करने का काम शुरू कर दिया। अब्दुस ने स्वीकार किया कि पिछले 18 महीनों में उसने दिल्ली से पश्चिम बंगाल तक 800 से अधिक चोरी के मोबाइल तस्करी किए हैं।
गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश जारी
अब साइबर सेल गिरोह के अन्य सदस्यों, खासतौर पर समीर और सलीम, की पहचान कर रही है। पुलिस उनके नेटवर्क को दिल्ली, पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश तक खंगाल रही है। साथ ही, तस्करी के रास्तों का पता लगाया जा रहा है, ताकि पूरे सिंडिकेट को ध्वस्त किया जा सके।