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सांप्रदायिक सोंच वाले और और पक्षपाती अफसरों को संवेदनशील जिलों में रखना खतरनाक

लातेहार उपायुक्त अबू इमरान को निलंबित करने की मांग
लातेहार उपायुक्त अबू इमरान को निलंबित करने की मांग

झारखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री सह भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास ने राज्यपाल को पत्र लिखकर विधायक बंधु तिर्की और लातेहार के उपायुक्त अबू इमरान पर कार्रवाई करने की मांग की है। रघुवर दास ने कहा है कि सभी प्रमुख समाचार माध्यमों में लातेहार उपायुक्त अबू इमरान और कांग्रेस के विधायक बंधु तिर्की के बीच बातचीत का ऑडियो-वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें उपायुक्त संविधान की शपथ लेने वाले विधायक को मुस्लिम ईलाके में जाने से सिर्फ इसलिए मना कर रहे हैं क्योंकि उनके अनुसार बंधु तिर्की को मुसलमानों ने वोट देकर जीताया है ।

रघुवर दास ने राज्यपाल को लिखा है कि इस तरह की संकिर्ण मानसिकता वाले अफसर को पूरे जिले के कानून व्यवस्था का रखवाला बनाना और उसके हाथों में बेशुमार प्रशासनिक शक्तियां देना शांति व्यवस्था के लिए खतरा हो सकता है।

रघुवर दास ने लिखा है कि अपनी बातचीत के क्रम में यह आईएएस अधिकारी अबू इमरान इस बात की दुहाई दे रहा है कि कांग्रेस के विधायक मुसलमानों की वोट पर ही जीत कर आए हैं। अर्थात कहने का मतलब है कि यदि मुसलमान कांग्रेस को वोट नहीं करते तो कांग्रेस पार्टी चुनाव नहीं जीत पाती ।

वह आईएएस अधिकारी विधायक को समझा रहा है कि क्योंकि वहां का डीसी वहां का बीडीओ और गांव वाले सभी मुसलमान है इसलिए विधायक का वहां पर आना पूर्ण रूप से अनुचित होगा। लातेहार के डीसी द्वारा इस प्रकार की सांप्रदायिक बातें एक राज्य के जनप्रतिनिधि से करना सभी सरकारी नियमों और प्रशासनिक नियमों का उल्लंघन है ।

यह दर्शाता है कि किस प्रकार से झारखंड की वर्तमान सरकार तुष्टिकरण की राजनीति और अल्पसंख्यकों में भेदभाव और आपसी मनमुटाव बढ़ाने के उद्देश्य से इस प्रकार के गंदे और संकीर्ण मानसिकता रखने वाले अधिकारियों का पदस्थापन लातेहार जैसे संवेदनशील जिला में की है।

डीसी लातेहार का आचरण और कार्यशैली अत्यंत निंदनीय तो है ही इसके साथ साथ जिस जनप्रतिनिधि के साथ उनकी बातचीत हो रही है उनकी भी भूमिका अत्यंत निंदनीय, गंदी और तुष्टीकरण की राजनीति से भरपूर नजर आती है।

यदि उक्त कांग्रेसी विधायक के मन में जरा सी भी शर्म होती और अपने कर्तव्य और संविधान के प्रति ली हुई प्रतिज्ञा और शपथ और आस्था होती तो वह खुद ब खुद इस पूरी घटना की शिकायत वरीय अधिकारियों से करता या राज्य के नेताओं को बताता जो कि उसने नहीं किया।

राज्यपाल को लिखा गया रघुवर दास के पत्र की कॉपी
राज्यपाल को लिखा गया रघुवर दास के पत्र की कॉपी
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