दमिश्क:
सीरिया के दक्षिणी शहर स्वैदा में सरकारी बलों और ड्रूज़ समुदाय के सशस्त्र गुटों के बीच संघर्ष बुधवार को भीषण रूप ले चुका है, क्योंकि संघर्ष विराम समझौता टूट गया है। इस बीच, इजरायली सेना ने कहा कि उसने दमिश्क में सीरियाई रक्षा मंत्रालय के पास हमला किया है और उसने द्रूज़ अल्पसंख्यकों के समर्थन में हस्तक्षेप तेज करने की चेतावनी दी है।
इजरायली हमले और बयान:
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इजरायली सेना ने कहा कि उन्होंने दमिश्क में हवाई हमला किया और दक्षिणी सीरिया में कई सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया।
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इजरायल के रक्षा मंत्री इज़राइल काट्ज़ ने कहा:
“अगर सीरियाई बल पीछे नहीं हटे तो हम और कड़ी कार्रवाई करेंगे।”
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प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि इजरायल का “दायित्व है कि वह अपने सीमा क्षेत्र को असैन्य बनाए रखे और ड्रूज़ समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित करे।”
सीरिया की स्थिति और संघर्ष का कारण:
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सीरिया में बशर अल-असद की सत्ता समाप्त होने के बाद देश इस्लामी विद्रोही गुटों के नियंत्रण में आ गया है, लेकिन सरकार और गुटों के बीच लगातार झड़पें जारी हैं।
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दक्षिण सीरिया में शुरू हुए संघर्ष की शुरुआत स्थानीय सुन्नी बेडुइन जनजातियों और ड्रूज़ लड़ाकों के बीच आपसी अपहरण और बदले की कार्रवाई से हुई।
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सरकारी बलों द्वारा हस्तक्षेप के बाद हिंसा और बढ़ गई, जिसमें सुरक्षा बलों पर आम नागरिकों की हत्याओं, घरों को जलाने और लूटपाट के आरोप लगे हैं।
मानवाधिकार रिपोर्ट:
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ब्रिटेन स्थित “सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स” के अनुसार, अब तक 250 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं, जिनमें:
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4 बच्चे
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5 महिलाएं
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138 सैनिक व सुरक्षाकर्मी शामिल हैं।
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कम से कम 21 लोग फील्ड एग्जीक्यूशन (स्थल पर हत्या) का शिकार हुए हैं।
ड्रूज़ समुदाय की भूमिका और विभाजन:
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ड्रूज़ समुदाय, जो कि इस्लाम के शिया संप्रदाय की इस्माइली शाखा से निकला 10वीं सदी का धार्मिक समूह है, सीरिया में करीब 10 लाख की आबादी रखता है।
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इजरायल में ड्रूज़ आमतौर पर सेना में सेवा करते हैं और उन्हें वफादार अल्पसंख्यक माना जाता है।
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सीरिया में ड्रूज़ दो धड़ों में बंटे हैं — एक पक्ष नए शासन में शामिल होने का पक्षधर है, तो दूसरा स्वायत्त ड्रूज़ क्षेत्र की मांग कर रहा है।