संथाल में गंभीर स्थिति: परिवार में हर दिन 12-12 बच्चों का जन्म, प्रशासन के लिए संकट
झारखंड के संथाल परगना में स्थिति बेहद चिंताजनक बन गई है, जहां हर दिन औसतन 12-12 बच्चों का जन्म हो रहा है। इस तेजी से बढ़ती जनसंख्या के कारण परिवार और प्रशासन दोनों के लिए संकट उत्पन्न हो गया है। आंकड़े संकलन और स्थिति की निगरानी में कठिनाई आ रही है, जिससे प्रशासनिक मोर्चे पर तनाव बढ़ता जा रहा है।
इस बीच, झारखंड में बांग्लादेशी घुसपैठ के मुद्दे पर हाई कोर्ट में सुनवाई जारी है। अदालत ने संथाल परगना प्रमंडल के उपायुक्तों द्वारा दायर की गई रिपोर्ट पर नाराजगी व्यक्त की है। रिपोर्ट में पेश किए गए आंकड़ों और तथ्यों को लेकर कोर्ट ने सवाल उठाए हैं।
राजनीतिक हलकों में भी इस मुद्दे पर हलचल बढ़ गई है। एक पक्ष यह दावा कर रहा है कि बांग्लादेशी घुसपैठ का कोई मामला नहीं है, जबकि भाजपा ने इसे बड़े मुद्दे के रूप में पेश किया है। भाजपा का कहना है कि मामले की अदालत में सुनवाई चल रही है और जल्द ही सच्चाई सामने आएगी।
राजमहल विधायक अनंत ओझा ने इस मुद्दे पर गंभीर चिंता जताई है। उन्होंने कहा, “बांग्लादेशी घुसपैठ का मामला हाई कोर्ट में है, और हमें कोर्ट से उम्मीद है कि इस पर जल्द निर्णय होगा। संथाल परगना में बांग्लादेशी घुसपैठ का मामला राज्य और देश के लिए घातक हो सकता है।” ओझा ने आरोप लगाया कि सरकारी अधिकारी भी इस मुद्दे को छुपाने में लगे हैं, और यह आरोप लगाया कि पिछले चुनावों में मतदाता संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि को लेकर भी सवाल उठे हैं।
ओझा ने यह भी स्पष्ट किया कि भाजपा ने कभी भी मुसलमानों को बांग्लादेशी घुसपैठिया नहीं बताया है। उन्होंने कहा, “कुछ लोग मुस्लिम समुदाय में भ्रम फैला रहे हैं कि भाजपा मुसलमानों को बांग्लादेशी बताती है। यह भ्रम फैलाने वाले यह भी जान लें कि हम अशफ़ाक़ उल्ला ख़ाँ और अब्दुल कलाम की जयकारे भी लगाते हैं। भाजपा का मकसद केवल यह है कि झारखंड में बांग्लादेशी घुसपैठ पर लगाम लगे, ताकि स्थानीय अल्पसंख्यक समुदाय के हक और अधिकार सुरक्षित रह सकें।”
संपूर्ण राज्य में बांग्लादेशी घुसपैठ और बढ़ती जनसंख्या पर नियंत्रण के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता महसूस की जा रही है, ताकि सामाजिक और राजनीतिक स्थिरता बनी रहे।