Tuesday 11th of March 2025 04:43:42 PM
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क्रिकेट जीत का जश्न या बेकाबू भीड़? हैदराबाद में लाठीचार्ज, कोटा में बवाल

कोटा/हैदराबाद: भारत की चैंपियंस ट्रॉफी जीत के बाद रविवार रात क्रिकेट प्रेमियों के उत्साह ने दो शहरों – राजस्थान के कोटा और तेलंगाना के हैदराबाद – में उग्र रूप ले लिया। कोटा में कोचिंग छात्रों ने हिंसा और तोड़फोड़ की, जबकि हैदराबाद में पुलिस को भीड़ को नियंत्रित करने के लिए लाठीचार्ज करना पड़ा।

कोटा: छात्रों का उग्र प्रदर्शन
कोटा के कोरल पार्क क्षेत्र में हजारों कोचिंग छात्र देर रात सड़कों पर उतर आए। जश्न जल्द ही उग्र प्रदर्शन में बदल गया, जहां छात्रों ने पुलिस बैरिकेड्स को तोड़ दिया और कई होस्टलों के शटर को नुकसान पहुँचाया। कुछ छात्रों ने पोस्टर और बैनर फाड़ दिए, तो कुछ ने होस्टलों के बाहर रखे ग्रेनाइट और गमलों को तोड़ दिया।

गाइडलाइन के बावजूद, जिसमें कहा गया था कि कोई भी कोचिंग छात्र रात 9 बजे के बाद बाहर न निकले, छात्र बड़ी संख्या में बाहर निकल आए। कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं, जिसमें युवाओं को बैरिकेड्स खींचते हुए देखा जा सकता है।

हैदराबाद: लाठीचार्ज से काबू में आई भीड़
हैदराबाद के दिलसुखनगर इलाके में क्रिकेट प्रेमी रात देर तक भारत की जीत का जश्न मनाने के लिए इकट्ठा हुए। भारी भीड़ के कारण ट्रैफिक जाम हो गया, और कुछ लोगों द्वारा सड़क पर मौजूद बाइकर्स से बदसलूकी करने की शिकायतें भी पुलिस को मिलीं। पुलिस ने मौके पर पहुँचकर लाठीचार्ज किया और भीड़ को तितर-बितर किया।

पुलिस अधिकारियों ने चेतावनी दी कि किसी भी आयोजन के नाम पर दूसरों को परेशान करना उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि किसी भी तरह की अव्यवस्था बर्दाश्त नहीं की जाएगी और भविष्य में सख्त कार्रवाई की जाएगी।

स्थानीय निवासियों की नाराजगी
कोटा में होस्टल निर्माण कार्य में लगे ज्ञान सुवालका ने बताया कि उपद्रव के दौरान उनके निर्माणाधीन होस्टल के लिए मंगाए गए ग्रेनाइट को छात्रों ने तोड़ दिया, जिससे हजारों रुपये का नुकसान हुआ।

होस्टल संचालक रविंद्र मीना ने बताया कि यह हंगामा करीब डेढ़ घंटे तक चला। उन्होंने कहा कि इस तरह के बेकाबू जश्न से न केवल संपत्ति का नुकसान होता है, बल्कि अन्य छात्रों को भी परेशानी होती है।

“भीड़ का कोई चेहरा नहीं होता,” सुवालका ने कहा। उन्होंने यह भी चिंता जताई कि कई छात्र और छात्राएँ इस तरह की घटनाओं से असहज महसूस करते हैं। प्रशासन से इस पर कड़े कदम उठाने की मांग की गई है।

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