उप-राजधानी दुमका सहित संथाल के पाकुड़ और साहिबगंज के रास्ते गौ-तस्करी बेरोक-टोक जारी है। रात के अंधेरे में कई तानों से होकर गौवंश को तस्कर ले जाते हैं, लेकिन हैरानी की बात है कि पुलिस इन्हें पकड़ नहीं पाती। स्थानीय लोगों का आरोप है कि प्रशासन को सब पता है, लेकिन चूंकि गौ-तस्करों की ओर से बंधी-भंधाई रकम मिलती है इसलिए पुलिस जानबूझकर अपनी आंखें बंद किए हुए है।
रामगढ में 6 थाना क्षेत्र से होकर रात के अंधेरे में गायों की तस्करी
इन दिनों दुमका के रामगढ़ के रास्ते अंधेरे में मवेशियों की तस्करी धड़ल्ले से जारी है । गौरतलब है कि देवघर जिला का मोहनपुर थाना तथा हंसडीहा थाना क्षेत्र के गंगवारा से प्रति सप्ताह , मंगलवार , बुधवार ,शनिवार को सैकडो की संख्या में मवेशी तस्कर पैदल गायों को दुमका भागलपुर सड़क मार्ग एंव रामगढ थाना क्षेत्र के सहेजना भंडारो ,अमरपुर के रास्ते मवेशियों को बंगाल बोर्डर तक पहुंचाया जाता है ।
देवघर, दुमका की पुलिस मवेशी तस्करों को क्यों नहीं रोकती ?
सप्ताह में तीन दिनों तक सैकड़ों की संख्या में मवेशीयों को मवेशी तस्कर देवघर जिले के मोहनपुर थाना , हंसडीहा थाना के गंगवारा से रामगढ थाना के अमरपुर भंडारो ,जामा थाना के बारापलासी महारो होकर मुफस्सिल थाना दुमका होते मसानजोर थाना होते रानीश्वर समेत सात थाना होकर सैकडो की संख्या में मवेशियों को दिन के उजाले से रात भर गायो को पार किया जाता है, लेकिन किसी की नजर इन मवेशियों पर नही पडती है ।
पुलिस बिकी हुई है या ऊपर से है राजनीतिक दबाव ?
स्थानीय लोगों का आरोप है कि मवेशी तस्करों ने पुलिस को खरीद लिया है। इतना ही नहीं , लोग यह भी आरोप लगाते हैं कि गौ-वंश की तस्करी के तार ऊपर तक हैं, और सत्ताधारी दल के कुछ नेता भी इसमें शामिल हैं। इन आरोपों में कितनी सच्चाई है किसी को नहीं पता लेकिन यह साफ-साफ दिख रहा है कि पुलिस द्धारा कार्यवाही नही होने पर मवेशी दोगुना जोश से इस गोरखधंधे को अंजाम देकर प्रति सप्ताह लाखो रुपये की चांदी काट रहे हैं ।
पशुओं ने भरा कंटेनर गड्ढे में फंस गया, स्थानीय लोगों ने तस्करों को पकड़ा
विगत एक सप्ताह पुर्व रामगढ में रामगढ बाजार के ग्रामीणों ने रामगढ बाजार में एक कंटेनर से 36 गायों को पकड़कर पुलिस को हवाले कर दिया था । वह भी जब कंटेनर रामगढ बाजार के गड्ढे में फंस गई तो ग्रामीणो ने इस गोरखघंधे को जगजाहिर कर दिखा दिया । अब भी रामगढ बाजार में प्रतिदिन दर्जनों कंटेनर में बंद कर सैकडो मवेशियों की बंगाल बोर्डर तक तस्करी धड़ल्ले से की जा रही है ।