सरायकेला: सरायकेला खरसवां जिले के खनन पदाधिकारी सन्नी कुमार के खिलाफ अंततः सरायकेला थाना में शुक्रवार देर रात एफआईआर दर्ज किया गया। सरायकेला थाना प्रभारी मनोहर कुमार ने बताया कि सीजीएम कोर्ट के आदेश पर खनन पदाधिकारी के खिलाफ आईपीसी 323, 341, 378, 384 और 504 आदि धाराओं में एफआईआर दर्ज कर उन्हें अभियुक्त बनाया गया है। थाना प्रभारी ने बताया कि एफआईआर दर्ज करने बाद कोर्ट को रिपोर्ट भेज दी गई हैं। मामले की जांच भी शुरू कर दी गई हैं। खनन पदाधिकारी पर लगाए गए आरोपों की जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
खनन पदाधिकारी पर पद का दुरुपयोग करते हुए भयादोहन कर पकड़े गए ट्रैक्टर को छोड़ने के लिए 60 हज़ार रुपए रिश्वत मांगने का आरोप है। ट्रैक्टर को सरायकेला थाना में रोक कर रखा था और कोई एफ आई आर भी दर्ज नहीं कराया था। इस संबंध में पिनायक दुबे ने मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में शिकायत वाद दर्ज कराया तब कोर्ट ने उक्त मामला दर्ज कर जांच करने का आदेश जारी किया था। इस पदाधिकारी पर यहां कारोबारियों को रुला कर उनसे पैसे ऐंठने की आम चर्चा है।
सरायकेला ज़िला खनिज पदार्थों के जायज – नाजायज धंधे के लिए अपनी खास पहचान रखता है। पहले माइनिंग विभाग को कोई जानता भी नहीं था। झारखंड के चर्चित अवकाशप्राप्त डीएमओ रत्नेश सिन्हा की जब यहां पोस्टिंग हुई तब खनिज राजस्व के मानचित्र पर इस ज़िले का एक स्थान कायम हुआ, लेकिन उनके बाद पदस्थापित होने वाले अधिकारी सिर्फ शार्ट गेन और सेल्फ गेम में ही मज़ा लेते रहे। फिलहाल यहां के माइनिंग आफिस पर चारो ओर से बदबू फैलाने वाली ही सूचनाएं मिलती हैं।
विभाग के रवैये के चलते ज़िला प्रशासन, पुलिस प्रशासन और रांची सचिवालय का नाम नाजायज चर्चो में घसीटाते रहता है। अब एफआईआर के बाद इनको सरकार अगर पद पर बने रहने देती है तब कार्य नियमावलियों पर सवाल उठेगा और स्वच्छ शासन चर्च में आएगा।