
रांची के डीसी छविरंजन पर आर्म्स लाइसेंस देने के बदले रिश्वत लेने के आरोप को बाबूलाल मरांडी ने गंभीर मामला बताते हुए उन्हें तत्काल पद से हटाने की मांग की है। बाबूलाल मरांडी ने कहा कि ऐसे लोगों को उपायुक्त जैसे जिम्मेदार पद पर रहने का कोई हक नहीं है। वे खुद तो पद से हटेगे नहीं लिहाजा सीएम हेमंत सोरेन को ही पहल कर उन्हें निर्दोष साबित होने तक पद से हटाएं ।
पहले भी डीसी पर लग चुके हैं जमीन कब्ज़े के आरोप
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि ऐसा नहीं है कि उपरोक्त डीसी पर किसी ने पहली बार भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। इससे पहले भी उनपर विवादित जमीन पर अवैध रूप से कब्ज़ा दिलाने के आरोप लगे हैं। प्रमंडलीय आयुक्त ने रांची डीसी छवि रंजन के काेर्ट द्वारा एक साल में जमीन से जुड़े आदेशाें की जांच की अनुशंसा भी की है। इतना ही नहीं ,डीसी पर अनुशासनात्मक और विभागीय कार्रवाई करने की भी सिफारिश गई थी ।
जमीन पर अवैध कब्ज़ा दाले के लिए सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग का आरोप
प्रमंडलीय आयुक्त ने अपनी रिपाेर्ट में यह भी कहा है कि रांची डीसी ने जमीन पर कब्जा दिलाने के लिए सरकारी मशीनरी का दुरुपयाेग किया। मजिस्ट्रेट और 150 पुलिसकर्मियाें काे प्रतिनियुक्त कर जमीन पर अवैध तरीके से चहारदीवारी का निर्माण कराया। पुलिसकर्मियों की प्रतिनियुक्ति पर सरकारी राशि खर्च हुई। इसलिए इस राशि की वसूली डीसी के वेतन और जमीन की खरीदारी करने वाले रवि भाटिया व श्याम सिंह से की जाए।
कोडरमा डीसी रहते सरकारी डाकबंगले में लगे शीशम-सागवान के पेड़ कटवाकर बेच दिए
कोडरमा में छवि रंजन डीसी थे, तो जिला परिषद के डाकबंगला में लगे सागवान और शीशम के पेड़ों को काट दिया गया था। डीडीसी ने इस मामले की जांच करने के बाद सेवानिवृत्त निरीक्षक जीवन राम, कोडरमा के तत्कालीन डीसी के अंगरक्षक कृष्णा, पांच-सात अन्य अज्ञात लोगों के विरुद्ध मामला दर्ज कराया था। इस मामले की जांच एसीबी ने की थी, जिसमें तत्कालीन उपायुक्त पर भी आरोप को सही माना गया था ।

