Coronavirus Test: वापस घर लौटने पर मन में ये डर तो रहता ही है कि कहीं मैं कोरोना संक्रमित तो नहीं हो गया? सवाल ये है कि हमें आखिर कब कोरोना की जांच करानी चाहिए!
देश में कोरोना का संक्रमण एक बार फिर से बढ़ता जा रहा है. दिल्ली, महाराष्ट्र, पंजाब, राजस्थान समेत कई राज्यों में स्थिति भयावह होती जा रही है. महाराष्ट्र में लॉकडाउन जैसी स्थिति है तो वहीं कई राज्यों में कड़ी पाबंदिया लागू की गई हैं. काम पर जाना है या जरूरी काम है… घर से तो निकलना ही होगा. पब्लिक ट्रांसपोर्ट में सफर, लोगों से मिलना-जुलना, सामान खरीदना… आम दिनचर्या का हिस्सा है. ऐसे में वापस घर लौटने पर मन में ये डर तो रहता ही है कि कहीं मैं कोरोना संक्रमित तो नहीं हो गया? सवाल ये है कि हमें आखिर कब कोरोना की जांच करानी चाहिए!
बुखार, थकान, स्वाद और गंध का पता नहीं चलना, सांस में तकलीफ इसके सामान्य लक्षण हैं. वहीं नए लक्षणों में आंखें गुलाबी होना, डायरिया, लूज मोशन, सुनने में परेशानी भी देखे जा रहे हैं. ऐसी परेशानियों से गुजर रहे हैं तो जांच करवा लेना बेहतर है.
कोविड संक्रमित के संपर्क में आए हैं तो… इस सवाल पर डॉ सिंह ने कहा कि अगर किसी कंफर्म्ड कोविड संक्रमित मरीज के संपर्क में आए हों, 6 फीट की दूरी मेंटेन न कर पाए हों यानी इससे अधिक करीब आए हों… 15 मिनट या ज्यादा साथ रहे हों… तो भी कोरोना की जांच करवा लेनी चाहिए.
कौन सी जांच कराना बेहतर रहेगा? इस सवाल पर डॉ श्यामसुंदर कहते हैं कि RT-PCR टेस्ट अबतक आए तमाम तरह की टेस्टिंग किट में बेहतरीन है. इसकी एक्यूरेसी बहुत ज्यादा है. हालांकि इसकी रिपोर्ट आने में समय लगता है. रैपिट एंटिजन टेस्ट मिनटों में रिजल्ट दे देता है.
डॉ सिंह ने कहा कि अगर रैपिड एंटीजन टेस्ट में रिपोर्ट निगेटिव आता है और फिर भी लक्षण महसूस होते हैं, तो आरटीपीसीआर टेस्ट करवा लेना ज्यादा सही रहेगा. कई बार ऐसा होता है कि एंटीजन टेस्ट में रिपोर्ट निगेटिव और आरटीपीसीआर टेस्ट में पॉजिटिव आती है. रिपोर्ट पॉजिटिव आते ही इलाज शुरू करना जरूरी है. (Disclaimer: यह लेख आपकी सामान्य जानकारी बढ़ाने के लिए है. किसी भी तरह की स्वास्थ्य समस्या के लिए विशेषज्ञ डॉक्टर से मिलना श्रेयस्कर है.)