प्रोजेक्ट भवन में मंत्री आलमगीर आलम के कक्ष में आखिरकार कांग्रेस की महिला विधायकों को अपनी बात रखने का मौका मिला। इससे पहले भी कांग्रेस की सभी महिला विधायक आलमगीर आलम के धुर्वा स्थित आवास पर पहुंची थीं, पर उस वक्त मंत्रीजी अपने क्षेत्र में थे, लिहाजा फोन पर ही बात कर सभी महिला विधायक लौट जाईं थीं । इस बार खास बात ये रही कि दीपिका पांडेय सिंह, ममता देवी और पूर्णीमा नीरज सिंह के साथ-साथ बेरमो विधायक जयमंगल सिंह भी साथ थे।
कॉमन मिनिमम प्रोग्राम पर काम नहीं हो रहा
बैठक के बाद बाहर आकर मीडिया के सामने सब अच्छा-अच्छा ही बोले, लेकिन अंदर कांग्रेसी विधायकों के मन में अपने ही सरकार में हो रही उपेक्षा का दर्द छलक रहा था । विधायक दीपिका पांडेय सिंह ने कहा कि सरकार बनने से पहले गठबंधन के सभी घटकों के बीच एक कॉमन मिनिमम प्रोग्राम बना था। क्या उसका पालन हो रहा है ? इसके अलावा ये सवाल भी उठा कि क्या इस सरकार में कांग्रेस की महिला विधायकों के लिए कोई पद नहीं है ? दीपिका पांडेय सिंह ने कहा कि व्यवस्था को दुरुस्त करने की जरूरत है । कुछ मामलों में आधी अधूरी कार्रवाई हुई है, और भी एक्शन लिये जाने की आवश्यकता है । कॉमन मिनिमम प्रोग्राम और कमिटी बने । वादों को पूरा करने में मदद मिलेगी । क्षेत्र में जनता चुनावी वादों को पूरा किये जाने को लेकर लगातार सवाल पूछने लगी है ।
रोजगार को लेकर नौजवानों में असंतोष – ममता देवी
ममता देवी ने कहा कि चुनावी घोषणा पत्र के वादों को पूरा करना अब जरूरी हो गया है । रोजगार के वादे थे । नौजवान टकटकी लगाये सरकार को देख रहे हैं । कोरोना के कारण शुरूआती दौर में संकट रहा, पर अब इस दिशा में काम करने की जरूरत है। इसके अलावा पार्टी कार्यकर्ताओं को आस है कि जल्दी ही बोर्ड, निगम का गठन होगा । प्रशासन बेलगाम हो गया है । इस पर भी लगाम लगायी जानी चाहिए । विधायक दल के नेता के जरिये जल्दी ही सीएम तक बात पहुंचेगी और समाधान निकलेगा ।
सरकार से नाराजगी नहीं, संगठन को लेकर कुछ शिकायतें थीं- जयमंगल सिंह
अनूप सिंह जयमंगल के मुताबिक झारखंड कांग्रेस के विधायक किसी से नाराज नहीं हैं । न ही राज्य सरकार से नाराजगी है, पर संगठन की कुछ जरूरी बातें हैं जो विधायक दल की बैठक में रखी जायेंगी । आलमगीर आलम अभिभावक स्वरूप हैं । उनसे मिल कर कुछ बातें हमने रखी हैं । उन्होंने आश्वासन दिया है कि जल्द ही समाधान निकाला जायेगा ।