सदन के अंदर आजसू के लम्बोदर महतो विधवा और दिव्यांगो के पेंशन से जुड़े सवाल रख रहे थे। विधायक प्रदीप महतो कुछ बोलने के लिए खड़े ही हुए कि कांग्रेस के आलमगीर आलम ने स्पीकर का ध्यान अपनी ओर दिलाया। मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि विपक्षी भाजपा के लोग विरोध तो कर ही रहे थे, अब वे “ठेंगा” दिखा रहे हैं। इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और अगर ऐसा ही चलता रहा तो विधानसभा के अंदर स्थिति शर्मनाक हो जाएगी ।
मंत्री आलमगीर आलम ने क्या कहा ?
महोदय,
ये लोग आवाज तो लगा ही रहे हैं, लेकिन हाथ-पैर का…कभी ये लोग ठेंगा दिखा रहे हैं, बांह चढ़ा रहे हैं…क्या मतलब है इसका ? क्या मारपीट करना चाहते हैं ? ये असंसदीय है। इसपर कार्यवाही करना चाहिए….आपलोग ठेंगा दिखाइएगा ? माफी मांगना होगा इसपर….कल ही हम देख रहे थे कि ये लोग टेबल पर चढ़कर बांह चढ़ा रहा था । क्या मतलब है इसका ? ये असंसदीय परंपरा है। इन लोगों को माफी मांगना चाहिए । अगर इसी तरह चलता रहा तो स्थिति शर्मनाक हो जाएगी । कहां का नियम है यह कि विपक्ष, सत्तपक्ष को ठेंगा दिखाए ?
आलमगीर आलम के इतना कहते ही सत्ता पक्ष के लोग खड़े होकर “माफी मांगना होगा, माफी मांगना होगा” के नारे लगाने लगे। दोनों ओर से हो रही शोरगुल को देखते हुए स्पीकर ने विधानसभा की कार्रवाई दोपहर 12.45 तक स्थगित कर दी ।